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UAE ने फ्रांस से राफेल सौदे पर लगाई रोक, टेलीग्राम के मालिक की गिरफ्तारी से है खफा

सोशल मीडिया ऐप ‘टेलीग्राम’ के रूसी मालिक की गिरफ्तारी से गुस्साए यूएई ने फ्रांस के साथ 80 रफाल (राफेल) फाइटर जेट के सौदे पर रोक लगा दी है. यूएई ने वर्ष 2021 में 20 बिलियन डॉलर की इस डील को फ्रांस की दासो कंपनी से की थी. टेलीग्राम के मालिक (सीईओ) पावेल डुरोव भले ही रूस में जन्मे हैं लेकिन उनके पास यूएई की नागरिकता भी है.

शनिवार को टेलीग्राम के मालिक पावेल (39 वर्ष) को पेरिस के करीब एक एयरपोर्ट पर अजरबैजान से लैंड करते वक्त फ्रांसीसी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. एक चार्टर्ड प्लेन से पावेन पेरिस पहुंचे थे. उस वक्त पावेल की गर्लफ्रेंड भी साथ थी. फ्रांस ने पावेल पर टेलीग्राम के जरिए फाइनेंशियल और साइबर क्राइम करने का आरोप जड़ा है. इसके अलावा ड्रग्स की तस्करी और बच्चों के शोषण जैसे संगीन अपराध भी पावेल पर लगाए गए हैं.

पावेल ने हालांकि पहले आरोप लगाया था कि पश्चिमी देश उनपर टेलीग्राम में बैकडोर एक्सेस का दबाव डाल रहे हैं. फ्रांस का इल्जाम है कि पावेल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपराध रोकने के लिए कोई कड़े नियम नहीं बनाए हैं. साथ ही उसमें कोई मोडरेटर भी नहीं है जो इन क्राइम की निगरानी के साथ-साथ लगाम लगाने में मदद कर सके.

वर्ष 2014 में पावेल को रूस छोड़ना पड़ा था. उसके बाद वे यूएई और फ्रांस सहित कई देशों की नागरिकता ले चुके हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से टेलीग्राम की लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल आया है. आज टेलीग्राम के करीब 100 करोड़ यूजर्स हैं. पावेल की गिनती दुनिया के टेक-मुगल के तौर पर की जाती है. (Telegram का रूसी मालिक फ्रांस में गिरफ्तार, मस्क ने किया विरोध)

पावेल की दोस्ती यूएई के अमीर जायेद अल नाहयन के बेटे से है. माना जाता है कि अब पावेल यूएई में ही ज्यादा वक्त बीतता था और टेलीग्राम को भी यहीं से ऑपरेट किया जाता था. हालांकि, पावेल ने खुद कहा था कि भले ही उसके कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में है लेकिन उसकी कंपनी में मात्र 30 आईटी एक्सपर्ट और इंजीनियर हैं.

यूएई ने फ्रांस के साथ वर्ष 2021 में जो 20 बिलियन डॉलर की डील फ्रांस से की थी उसके तहत रफाल फाइटर जेट की पहली खेप 2027 में मिलनी थी. लेकिन पावेल की गिरफ्तारी से गुस्साए यूएई ने अब इस सौदे पर रोक लगा दी है.

खबर है कि शनिवार को पावेल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बुलावे पर ही पेरिस पहुंचा था. लेकिन वहां जाते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, मैक्रों ने बयान जारी कर कहा है कि पावेल की गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों (रूस-यूक्रेन युद्ध) के कारण नहीं हुई है. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो वर्ष 2018 में फ्रांस ने पावेल को टेलीग्राम के ऑपरेशन अपने देश में लाने का ऑफर दिया था. पावेल ने हालांकि, ये प्रस्ताव ठुकराया दिया था. (राजनीतिक नहीं है टेलीग्राम के CEO की गिरफ्तारी: फ्रांस)

अपडेट: फ्रांस की अदालत ने पावेल को बुधवार देर शाम 5.56 मिलियन डॉलर के बॉन्ड पर बेल (जमानत) दे दी. पावेल अब पुलिस कस्टडी से बाहर आ चुका है लेकिन उसपर मुकदमा चलता रहेगा. उसके फ्रांस से बाहर जाने पर भी पाबंदी लगा रहेगी.

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