रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर दोहराया है कि यूक्रेन में तब तक शांति बहाली नहीं होगी जब तक कि यूक्रेन का ‘डिनाजीफिकिशन’ और ‘डिमिलिटराइजेशन’ पूरा नहीं हो जाता और यूक्रेन पूरी तरह ‘तटस्थ’
नहीं हो जाता है.
गुरूवार को पुतिन सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने देश-विदेश के पत्रकारों और सामान्य लोगों के सवालों के जवाब दिए. इस प्रश्न पर कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध (स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन) कब खत्म होगा, रुस के राष्ट्रपति ने कहा कि “जब तक हमारा लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता शांति नहीं आएगी.” इन लक्ष्यों में यूक्रेन से नाजीवाद को खत्म करना और असैन्यकरण शामिल है. साथ ही जब तक रुस ये सुनिश्चित नहीं कर लेता कि यूक्रेन तटस्थ नहीं हो गया है ऑपरेशन (युद्ध) जारी रहेगा.
दरअसल, पुतिन ने पिछले साल फरवरी (24 फरवरी 2022) में यूक्रेन के खिलाफ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन (युद्ध) इसलिए छेड़ा था क्योंकि यूक्रेन, अमेरिका के नेतृत्व में बने मिलिट्री संगठन नाटो में शामिल होने जा रहा था. रूस नहीं चाहता था कि उसकी पश्चिमी सीमा पर नाटो देशों के सेनाएं तैनात हो जाएं. गुरुवार को भी पुतिन ने एक बार फिर अपनी यही बात दोहराई. यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को रुस में ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ का नाम दिया गया है.
पुतिन ने ये भी बताया कि इस वक्त यूक्रेन से सटी दो हजार किलोमीटर लंबी सीमा पर रूस के 6.17 लाख सैनिक तैनात हैं. साथ ही यूक्रेन के काउंटर-ऑफेंसिव के बाद से रूस ने यूक्रेन सेना के 747 टैंक और 2300 आर्मर्ड व्हीकल्स तबाह कर दिए हैं. दरअसल, इसी साल मई-जून के महीने में यूक्रेन ने अमेरिका, इंग्लैंड और जर्मनी जैसे नाटो देशों के हथियारों, टैंक और मिसाइल से लैस होकर रूस पर जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की थी. लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की का ये दांव उल्टा पड़ गया. इसका नतीजा ये हुआ कि अमेरिका सहित दूसरे नाटो देशों ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य और वित्तीय सहायता लगभग रोक दी है. इस महीने के शुरुआत में रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने भी दावा किया था कि काउंटर-ऑफेंसिव ऑपरेशन में यूक्रेन के 1.25 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं और 16 हजार मिलिट्री प्लेटफॉर्म तबाह कर हो गए हैं.
पुतिन ने कहा कि कीव (जेलेंस्की) दुनियाभर में “भीख मांगने के लिए भटकते रहते हैं और दिखाने की कोशिश करते हैं कि यूक्रेन का रूस के खिलाफ काउंटर-ऑफेंसिव सफल रहा है.”
पुतिन ने चार घंटे तक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और 56 सवालों के जवाब दिए. इन सवालों में यूक्रेन के खिलाफ जंग, अमेरिका, इजरायल-गाज़ा युद्ध, चीन से संबंधों से लेकर एआई (डबल बॉडी) और रूस में अंडों की बढ़ती कीमतों से जुड़े थे. इस दौरान पुतिन के एआई (मॉडल) को भी पेश किया गया. इस दौरान पुतिन ने अपने मीडिया एडवाइजर दिमित्री पेसकोव को चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ से पहले न्यूयॉर्क टाइम्स से सवाल पूछने के लिए भी टोका.
पुतिन ने इजरायल-हमास युद्ध की तुलना यूक्रेन के खिलाफ जंग (मिलिट्री ऑपरेशन) से करने को गलत बताया. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में कोई गाज़ा (जैसी बर्बादी) नहीं है. उन्होंने कहा कि हम स्कूल, कॉलेज और रिहायशी इलाकों को निशाना नहीं बनाते हैं.
अमेरिका से संबंधों पर पुतिन ने कहा कि रुस संबंधों को सुधारने के लिए तैयार है बर्शते यूएस अपनी “साम्राज्यवादी नीति छोड़ दे.” चीन से संबंधों पर पुतिन ने कहा कि रुस और चीन के संबंध मजबूत हैं लेकिन हम दोनों (रुस और चीन) किसी भी तरह से कोई ‘ब्लॉक’ बनाने की कोशिश नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि “हमारी दोस्ती अपने हितों के लिए है किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है.”
पुतिन ने कहा कि प्रतिबंधों के बावजूद रुस की अर्थव्यवस्था मजबूत है. रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि जो लोग ये सोचते थे कि हमारी कार-इंडस्ट्री बिखर जाएगी उन्हें भी निराशा हाथ लगी है.