देर आए, दुरुस्त आए कहावत अमेरिका पर सटीक बैठ रही है. क्योंकि विवादों में घिरने के बाद अमेरिका ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमले को लेकर भारत की चिंता को सही ठहराया है.
व्हाइट हाउस ने अपने ताजा बयान में कहा है कि पिछले हफ्ते फोन कॉल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बांग्लादेश में लोगों की सुरक्षा और वहां लोकतांत्रिक संस्थाओं के भविष्य के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी.
हालांकि इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि पीएम मोदी और जो बाइडेन के बीच बातचीत में रूस-यूक्रेन पर बात हुई थी. जबकि भारत ने बताया था कि जो बाइडेन और पीएम मोदी के बीच हुई बातचीत में बांग्लादेश के हिंदुओं का मुद्दा भी उठाया गया था.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले, भारत के साथ अमेरिका: जॉन किर्बी
तकरीबन एक सप्ताह बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने अपने औपचारिक बयान में कहा है कि “पीएम मोदी से कॉल के दौरान राष्ट्रपति बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में हाल के घटनाक्रम पर संयुक्त चिंताएं साझा कीं.”
पीएम मोदी से बाइडेन ने 26 अगस्त को फोन पर बात की थी. जिसके बाद व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में बांग्लादेश का जिक्र नहीं था. पर अब मीडिया ब्रीफिंग में व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा है कि “राष्ट्रपति ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके लोकतांत्रिक संस्थानों के भविष्य के बारे में अपनी निरंतर चिंताओं को स्पष्ट कर दिया है.”
अमेरिकी राष्ट्रपति से हिंदुओं के मुद्दे पर हुई बात: पीएम मोदी
जो बाइडेन से बातचीत के बाद पीएम मोदी ने अपनी एक्स पोस्ट में कहा था, “हमने बांग्लादेश की स्थिति पर भी चर्चा की और सामान्य स्थिति की शीघ्र बहाली की आवश्यकता पर जोर दिया. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट से पहले हुई हिंसा और बाद में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर अटैक हुआ था. जिसके बाद ना सिर्फ लालकिले से जबकि खुद बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से पीएम मोदी ने चिंता जताई थी.