मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने यूएई में तैनात किया है अपना बेहद ही खतरनाक ‘अल्ट्रा’ ड्रोन. अमेरिका का ऐसा अस्त्र है जिसके बारे में ज्यादा कुछ खुलासा नहीं किया गया है. ‘अनमैन्ड लॉन्ग-एंड्योरेंस टेक्निकल रीकॉन्सेंस एयरक्राफ्ट’ की कुछ तस्वीरें ही हैं जो सोशल मीडिया पर वायरल है. अमेरिका ने अल्ट्रा ड्रोन की तैनाती यूएई के अल-दाफ्रा एयर बेस पर की है.
अल दाफ्रा में अमेरिकी सेना का एयर एक्पेडिशन विंग है. यहीं पर आर्यन-4 (आरक्यू-4) ग्लोबल हॉक ड्रोन का अड्डा भी है. सोशल मीडिया पर अस्ट्रा की तैनाती की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें ग्लाइडर जैसा ड्रोन अमेरिकी सेंट्रल कमांड क्षेत्र से अपने मिशन की तैयारी करते दिख रहा है. हालांकि अमेरिका या यूएई की ओर से उस सटीक स्थान का खुलासा नहीं किया गया, जहां पर ड्रोन की लैंडिंग की गई है.
मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ड्रोन, क्या है खासियत ?
बताया जाता है कि महज साल में बनकर तैयार होने वाले एक अल्ट्रा ड्रोन की कीमत 8 मिलियन डॉलर है. ड्रोन को एयरफोर्स रिसर्च लेबोरेटरी ने बनाया है. पूरी तरह से ऑटोमैटिक ड्रोन तकरीबन 80 घंटे तक उड़ान भर सकता है. अमेरिकी वायुसेना की प्लानिंग है कि यूएई के बेस पर अगले साल तक ऐसे चार और ड्रोन को तैनात किए जाएं. ड्रोन में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल, इंफ्रा, रेडियो फ्रीक्वेंसी और इस पर सस्ते इंटेलिजेंस कलेक्शन पेलोड्स लगाए जा सकते हैं. इन ड्रोन के जरिए अमेरिका मिडिल ईस्ट और आसपास के क्षेत्रों में जासूसी कर सकता है. अमेरिका ने हाल ही में यूएई में अपने बेस से लड़ाकू जेट को कतर ट्रांसफर किया था.
हूती ने अमेरिकी नौसेना के विध्वंसक जहाज को उड़ाया ?
इस बीच यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में अमेरिकी नेवी के एक जहाज और एक वाणिज्यिक जहाज को टारगेट किया है. हमले का एक वीडियो भी सामने आया है. हूती के सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी के मुताबिक, “विद्रोहियों ने यूएसएस मेसन को मिसाइल से ध्वस्त किया और एक डेस्टिनी नाम के जहाज पर हमला किया.” वहीं अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड ने बताया है कि “सोमवार की रात, मेसन ने लाल सागर के ऊपर यमन से ईरानी समर्थित हूतियों द्वारा लॉन्च की गई एक इनबाउंड एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल को सफलतापूर्वक मार गिराया और नष्ट कर दिया.” पर सेंट्रल कमांड ने डेस्टिनी जहाज के दावों पर कुछ नहीं कहा.
अमेरिका ने दावा किया है कि हूती विद्रोहियों पर लिए जा रहे एक्शन के बाद उनके पास हथियार, मिसाइल खत्म हो गई हैं. अमेरिका ने ये भी दावा किया है कि बुधवार देर रात हूतियों द्वारा नियंत्रित यमन के एक क्षेत्र में चार “अनक्रूड हवाई प्रणालियों” को नष्ट कर दिया गया है. यूएस सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि “हूतियों के ये एयर सिस्टम क्षेत्र में अमेरिकी और गठबंधन बलों और व्यापारी जहाजों के लिए एक खतरा थे.”
इजरायल-हमास की जंग के बाद लाल सागर में हमले बढ़े
इजरायल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकी हमलों के बाद से लाल सागर में भी तनाव है. हमास के खिलाफ लिए जा रहे एक्शन के खिलाफ हूती विद्रोही लाल सागर में इजरायल या उससे संबंधित जहाजों को निशाना बना रहे हैं. अमेरिकी समुद्री प्रशासन के मुताबिक, हूतियों ने नवंबर से अब तक 50 से अधिक हमले
जहाज पर किए हैं. एक जहाज को जब्त कर लिया है और दूसरे को डुबो दिया है. हूती के खतरे के कारण लाल सागर और अदन की खाड़ी के माध्यम से शिपिंग में गिरावट आई है. शिपिंग कंपनी अब दक्षिणी अफ्रीका के आसपास लंबी और अधिक महंगी यात्राओं पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
ईरान यमन के हूतियों को हथियार देना बंद करे: अमेरिका
लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों को लगातार निशाना बना रहे यमन के हूतियों को अमेरिका ने कड़ी चेतावनी दी है. अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया है कि ‘‘ईरान को अस्थिरता पैदा करने की भूमिका से रोकना चाहिए और कहना चाहिए कि वह हूती विद्रोहियों को समर्थन देना बंद करे. ईरान के खिलाफ पुख्ता सबूत है, कि वो यूएन के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए.’’ उन्होंने कहा कि इस बात के व्यापक साक्ष्य हैं कि ईरान संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए हूतियों को बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल मुहैया करा रहा है.”