अमेरिका ने पाकिस्तान से सिधु जल समझौते को तोड़ने के भारत के फैसले को सही ठहराया है. भारत में यूएस दूतावास ने साफ कह दिया है कि पहलगाम नरसंहार को पाकिस्तान ने प्रायोजित किया है, ऐसे में पाकिस्तान से किसी भी तरह का सहयोग नहीं किया जा सकता है.
यूएस एंबेसी ने बयान जारी कर दो टूक कह दिया कि “भारत और पाकिस्तान ने 1960 में सिंधु संधि को ऐसे समय में किया था जब दोनों देशों के अच्छे संबंध थे. लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित कर इस मित्रतापूर्ण भावना को खराब कर दिया है. इसलिए भारत ऐसे किसी देश के साथ सहयोग नहीं करेगा जो भारत के मासूम नागरिकों को मारने का जिम्मेदार है.”
हम भारत के साथ: यूएस स्टेट डिपार्टमेंट
अमेरिका ने एक बार फिर से पहलगाम में हुए नरसंहार की कड़े शब्दों में निंदा की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, “जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री रुबियो पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं, अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद के हर कृत्य की कड़ी निंदा करता है.” इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद के एक पाकिस्तानी पत्रकार की भी अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बोलती बंद की.
भारत में हमले के बाद तेजी से बदल रही है स्थिति: टैमी ब्रूस
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि “अमेरिका स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है. यह एक तेजी से बदलती स्थिति है और हम इसे बहुत करीब से देख रहे हैं. पहलगाम के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की जरूरत है, जिन्होंने जघन्य हमले को अंजाम दिया है. 22 अप्रैल से ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हों या फिर मार्को रुबियो, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस हों या फिर पेंटागन से जुड़े अधिकारी, भारत पर हुए हमले की निंदा कर चुके हैं और ये मान चुके हैं कि आतंकियों के खिलाफ कड़े एक्शन की जरूरत है.” गुरुवार को ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत में मौजूद अमेरिकी राजनयिक को भी पूरे मामले को लेकर ब्रीफ किया है.
पाकिस्तान पर पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा सवाल, अमेरिका ने चुप कराया
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रेसकॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल पूछा, तो टैमी ब्रूस का रिएक्शन देखने लायक था. टैमी ब्रूस ने फौरन पाकिस्तानी पत्रकार की बेइज्जती कर दी. सवाल टालते हुए अमेरिकी प्रवक्ता ने दो टूक कहा, “अमेरिका की स्थिति इस मामले में पहले ही साफ की जा चुकी है और इस पर अब कोई अतिरिक्त टिप्पणी नहीं की जाएगी. राष्ट्रपति और विदेश मंत्री पहले ही अपने विचार क्लियर कर चुके हैं. हम इस विषय पर आगे नहीं बढ़ेंगे.”
जी 20 देशों और सहयोगी देशों को भारत ने कॉन्फिडेंस में लिया
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बारे में जानकारी देने के लिए दिल्ली स्थित विदेशी दूतों और राजनयिकों को विदेश मंत्रालय में बुलाया. इस बैठक में अमेरिका, चीन, रूस, जापान, ब्रिटेन सहित कई राजदूत मौजूद रहे. विदेश मंत्रालय ने जी 20 देशों के अलावा चुनिंदा पड़ोसी देशों के राजनयिकों को भी बुलाया गया. इस बैठक में 30 से ज्यादा देशों के राजनयिकों ने ब्रीफिंग में हिस्सा लिया. इस बैठक में खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे. इस दौरान भारत ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति की बात की और सीमा पार से हो रहे आतंकवाद को लेकर जानकारी दी.
भारत पर हुए हमले के खिलाफ साथ नजर आए अमेरिका, चीन और रूस
पहलगाम में हुए नरसंहार और आतंकवाद के खिलाफ हुई इस बैठक में अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस, यूके, ईयू, इटली, कतर, जापान, जर्मनी, इंडोनेशिया, मलेशिया, यूएई, नॉर्वे समेत 30 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया. आपको बता दें कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद पीएम मोदी से फोन पर बात करके भारत के साथ खड़े होने का आश्वासन दिया था. इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी भारत का साथ देने की बात कही थी. चीन हो, या इटली हो, फ्रांस हो या इजरायल हो, हर देश के प्रमुखों ने पहलगाम नरसंहार की निंदा की और भारत को अपना समर्थन दिया था.