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फिलीपींस को ‘यूक्रेन’ बनाएगा अमेरिका: चीन

चीन के खिलाफ क्वाड की तर्ज पर अमेरिका ने बनाया है एक नया समूह जिसे स्क्वॉड का नाम दिया गया है. अमेरिका के अलावा इस स्क्वॉड में ऑस्ट्रेलिया, जापान और फिलीपींस शामिल हैं. रुस से करीबी संबंध होने के चलते भारत को इस स्क्वॉड से बाहर रखा गया है. इस नए स्क्वॉड के बनने से चीन ने फिलीपींस की तुलना यूक्रेन से कर दी है.

क्वाड की तर्ज पर बना ‘स्क्वॉ़ड’
दक्षिण चीन सागर में चीन का लगातार खतरा बढ़ रहा है. लिहाजा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने फिलीपींस के साथ हिंद महासागर में क्वाड समूह की तरह चीन के विरुद्ध स्क्वॉड बनाया है. क्वाड साझेदारों के साथ मिलकर एक नया गुट तैयार किया गया है. पर इसमें भारत को इस समूह में फिलीपींस से रिप्लेस किया गया है. इंडो-पैसिफिक कमान के हेडक्वार्टर के मुख्यालय हवाई में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस के समकक्षों की मेजबानी की. ऑस्टिन ने इस समूह की पहली बैठक के लिए जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस के नेताओं से भी मुलाकात की. ऑस्टिन ने दावा किया कि “नया ग्रुप एक दीर्घकालिक सुरक्षा समूह के रूप में मजबूत हो रहा है.”  

एशिया का यूक्रेन बनेगा फिलीपींस: चीन
स्क्वॉड में फिलीपींस के शामिल होने को लेकर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीन ने कहा है कि “फिलीपींस को अमेरिका बरगला रहा है, जिससे उसकी स्वायत्तता खो रही है. चीन ने कहा है कि फिलीपींस, अमेरिका का मोहरा बनकर रह जाएगा. एशिया का यूक्रेन बन जाएगा. अमेरिका सिर्फ हथियार देगा और लड़ना फिलीपींस को पड़ेगा, जैसे आज रूस के साथ यूक्रेन लड़ रहा है. और क्या हाल है सब जानते हैं.”

क्या क्वाड का असर हो जाएगा कम ?
स्क्वॉड से पहले ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका और भारत का एक क्वाड समूह भी है, जिसे चीन के खिलाफ बनाया गया था.  दिल्ली को इस साल जनवरी में क्वाड का शिखर सम्मेलन बुलाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यक्रम की वजह से क्वाड की बैठक को टाल दिया गया था. क्वाड की बैठक 26 जनवरी के आसपास होने वाली थी. परेड में जो बाइडेन को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था. पर क्वाड की बैठक टलने और मुख्य अतिथि न बनने के पीछे असली वजह कुछ और थी. पन्नू की हत्या की साजिश का खुलासा करते हुए अमेरिकी जांच एजेंसियों ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे और भारत ने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया था. माना जा रहा है कि अमेरिका के साथ आई तल्खी की वजह से ही क्वाड की बैठक टल गई थी. अब क्वाड की जगह स्क्वॉड के आने से माना जा रहा है कि क्वाड का असर कम होगा.

क्वाड के अलावा अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया ने भी एक अलग ग्रुप बना रखा है, जिसे एयूकेयूएस (ऑकस) के नाम से जाना जाता है. ये भी इंडो-पैसिफिक में ऑकस देशों के दबदबे को बनाए रखने के लिए बनाया गया है.

क्या स्क्वॉड भारत के लिए चिंता ?
अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने कहा है कि “स्क्वॉड और क्वॉड दोनों अलग अलग है. हम स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को आगे बढ़ाने के अपने साझा दृष्टिकोण में एकजुट हैं. भारत के नजरिए से क्वाड अहम है क्योंकि वह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ क्वाड का हिस्सा है. नए समूह से भारत के लिए कोई चिंता की बात नहीं है. दोनों समूहों की प्राथमिकताएं अलग हैं. स्क्वॉड एक सैन्य संगठन के तौर पर अहम है, जो साउथ चाइना सी के लिए है. जबकि क्वाड का फोकस मानवीय सहायता और आपदा राहत पर है.”

भारत-अमेरिका के रिश्तों की तल्खी की वजह रूस ?

खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश के अलावा रुस से करीबी संबंध भी अमेरिका को अखर रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत के तटस्थ रुख की वजह से अमेरिका चिढ़ा हुआ है. अमेरिका को दरकिनार करते हुए रूस से भारत तेल भी ले रहा है, जो अमेरिका को पसंद नहीं आ रहा है. जो बाइडेन ने एक भाषण में भारत को स्विंग स्टेट भी बताया था. भारत के साथ रूस का कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने से अमेरिका चिढ़ा हुआ है. भारत की उभरती हुई अर्थव्यवस्था और सशक्त भारत की रणनीति और कूटनीति से अमेरिका को फूटी आंख पसंद नहीं आ रहा.

हाल में बाइडेन ने भारत को विदेशियों के प्रति द्वेष रखने वाला जिनोफोबिक देश भी बताया था. बाइडेन ने चीन और जापान को भी जिनोफोबिक ही बताया था. बाइडेन ने कहा था कि विदेशियों का स्वागत नहीं करने की वजह से भारत, चीन, जापान की अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ रही है.

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