भारत के बाद अब अमेरिका भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक को बैन करने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका कांग्रेस (संसद) के निचले सदन में टिकटॉक पर प्रतिबंध करने के खिलाफ विधेयक पारित होने से चीन भड़क गया है. क्योंकि टिकटॉप मूलत चीनी ऐप है.
अमेरिकी सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव) ने चीनी एप टिकटॉक को बैन करने के लिए एक विधेयक पारित किया है. पर चोर की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत चीन पर सटीक बैठ रही है, क्योंकि अमेरिका के फैसले के बाद चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. दरअसल अमेरिका ने टिकटॉक बैन करने का फैसला एक खुफिया रिपोर्ट के बाद लिया है. खुफिया रिपोर्ट में ये कहा गया है कि चीनी ऐप टिकटॉक का इस्तेमाल अमेरिका में होने वाले चुनावों को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है.
अमेरिकी चुनाव पर टिकटॉक से जासूसी!
अमेरिकी रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि चीन अपने आलोचकों को किनारे करने और अमेरिका में सामाजिक विभाजन को बढ़ाने के लिए 2024 में अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने की फिराक में हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसी के डायरेक्टर एवरिल हैन्स ने प्रतिनिधि सभा की खुफिया समिति की सुनवाई में बताया कि चीन 2024 के अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक का इस्तेमाल कर सकता है. इसी खुफिया जानकारी के बाद अमेरिकी हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव ने बुधवार को भारी बहुमत से उस विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसमें टिकटॉक बैन करने की बात कही गई है. इस विधेयक के पक्ष में 352 सांसदों ने मत दिया, वहीं इसके विपक्ष में सिर्फ 65 वोट पड़े. इस विधेयक में कहा गया है कि टिकटॉक की मूल कंपनी ‘बाइटडांस’ को 180 दिनों यानि छह महीने के भीतर बेचने की आवश्यकता है. ऐसा ना होने पर इस अमेरिका में एप्पल और गूगल ऐप स्टोर पर प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.
हमें नहीं, अमेरिका को दादागीरी से नुकसान: चीन
अमेरिकी फैसले से चीन भड़क गया है. चीन ने अमेरिका को ही धमकाने वाले अंदाज में अमेरिका पर दादागीरी करने का आरोप लगाया है. चीन ने कहा है अमेरिकी फैसले से उल्टा असर पड़ेगा. टिक-टॉक के खिलाफ एक्शन पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अमेरिका पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. चीनी प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि “जब अमेरिका निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा में सफल नहीं हुआ तो अब धमका रहा है. अमेरिका के इस कदम से बाजार संचालन प्रभावित होगा, निवेशकों का भरोसा टूटेगा और अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा. ऐसे फैसले का अमेरिका पर ही उल्टा असर होगा.”
भारत कर चुका है टिकटॉक बैन
ऐसा पहली बार नहीं है टिकटॉक पर आरोप लगे हैं. चीनी ऐप टिकटॉक पर यूजर्स का डेटा चीन के साथ शेयर करने के आरोप कई बार लग चुके हैं. वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्युअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन से हुई झड़प और विवाद करे बाद भारत ने चीन के कई दर्जन ऐप बैन कर दिए थे. टिकटॉप भी इनमें से एक था.
चीनी कंपनी टिकटॉक अमेरिका में लंबे वक्त से सवालों के घेरे में है. यहीं नहीं इजरायल हमास युद्ध में भी टिकटॉक पर अपने प्लेटफॉर्म के जरिए इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का आरोप लगा था.
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