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Bridge of Spies: जासूसों की अदला-बदली जल्द ?

रूस में रिपोर्टिंग के दौरान गिरफ्तार किए गए वॉल स्ट्रीट जर्नल  के ‘पत्रकार’ इवान गेर्शकोविच के बदले पुतिन अपने एक बेहद ही खतरनाक और तेजतर्रार जासूस को रिहा कराना चाहते हैं. यूक्रेन जंग के दौरान जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए पत्रकार इवान गेर्शकोविच वो हाईप्रोफाइल अमेरिकी हैं जिनकी रिहाई के बदले रूस ने एक बड़ी शर्त रख दी है. 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिकी पत्रकार के बदले अपनी खुफिया एजेंसी एफएसबी के लिए काम करने वाले वेदिम क्रासिकोव को छुड़ाने की तैयारी में हैं. वेदिम एसएसबी का वो जासूस है, जिसने चेचेन विद्रोहियों के एक कमांडर की जर्मनी में हत्या की थी. वेदिम जर्मनी की जेल में साल 2019 से उम्रकैद की सजा काट रहा है. 

कौन है वेदिम क्रासिकोव, जिसकी रिहाई के लिए पुतिन बेताब

वेदिम क्रासिकोव रूसी खुफिया एजेंसी एफएसबी का जासूस है. एफएसबी की ‘विमपेल’ यूनिट का हिस्सा रह चुका है. विमपेल यूनिट का काम आधिकारिक तौर रूस में आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन चलाना है. बताया जाता है कि क्रासिकोव की पुतिन से मुलाकात एक टारगेट शूटिंग रेंज में हुई थी. पहली ही मुलाकात में क्रासिकोव के काम और उसके व्यक्तित्व से राष्ट्रपति पुतिन बेहद प्रभावित हुए. क्रासिकोव के पास कई महंगी कारें थी, जिनसे वो काम पर जाता था. रूस में कई ऑपरेशन को अंजाम दे चुका है. हाल ही में पुतिन ने अमेरिकी टॉक शो के होस्ट टकर कार्लसन को दिए इंटरव्यू में क्रॉसिकोव को देशभक्त बताया था. पुतिन ने क्रॉसिकोव की तारीफ करते हुए कहा था, “हम जल्द से जल्द अमेरिकी पत्रकार इवान गेर्शकोविच के बदले देशभक्त क्रासिकोव को छुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं. क्रासिकोव ने यूरोपीय देश में एक दुश्मन का सफाया किया था.”

जासूस ने बर्लिन जाकर चेचन कमांडर की हत्या की

वेदिम क्रासिकोव का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया जब 23 अगस्त 2019 को बर्लिन में चेचन कमांडर ज़ेलिमखान खंगोश्विली की एक पार्क में हत्या कर दी गई थी. चेचन कमांडर जेलिमखान खंगोश्विली को रूसी अधिकारियों ने आतंकवादी घोषित किया था, रूस ने जेलिमखान को “कोकेशियान अमीरात” आतंकवादी समूह की सदस्यता का आरोप लगाया था. जेलिमखान पर आरोप था कि उसने जॉर्जियाई धरती पर संगठन के सक्रिय सदस्यों को प्रशिक्षित किया था. जेलिमखान को टॉर्निके कवतारशविली के नाम से भी जाना जाता था. हालांकि जेलिमखान खंगोश्विली ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया था. जेलिमखान खंगोश्विली ने जर्मन अधिकारियों को बताया कि उसने रूसी शासन के खिलाफ चेचन विद्रोह में भाग लिया था और दूसरे रूसी-चेचन युद्ध के दौरान चेचन मिलिशिया की कमान संभाली थी, जो रूसी सैनिकों से लड़ी थी. ज़ेलिमखान खंगोश्विली की हत्या रूसी डबल एजेंट सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया को इंग्लैंड के सैलिसबरी में नर्व एजेंट द्वारा जहर दिए जाने के ठीक 18 महीने बाद हुई थी. साल 2015 से चेचन कमांडर जर्मनी में रह रहा था.

कैसे हुई थी चेचन कमांडर की हत्या?

ज़ेलिमखान को गोली मारने वाले शख्स पहचान छिपाने के लिए विग और नकाब पहनकर आया था और साइकिल पर सवार होकर पार्क पहुंचा था. चेचेन कमांडर की हत्या करने के लिए पिस्तौल और विग को नदी में फेंक कर फरार हो गया. हालांकि जर्मनी की पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए वेदिम क्रॉसिकोव को जर्मनी की संसद के करीब के एक इमारत में गिरफ्तार कर लिया. चेचेन कमांडर की हत्या के बाद आरोपी के पास से मिले ID कार्ड पर वेदिम नाम ही लिखा था. जांच में पता चला कि क्रॉसिकोव ने साल 2013 में भी साइकिल पर सवार होकर मॉस्को के एक रेस्टोरेंट मालिक की हत्या की थी. उस मामले में वो वॉन्टेड था लेकिन दो साल बाद गिरफ्तारी वारंट को वापस ले लिया गया था. नई पहचान के साथ वेदिम सोकोलोव के नाम से साल 2015 में नया पासपोर्ट बना और साल 2019 में टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया गया. ये डॉक्यूमेंट रूस सरकार ही जारी करती है. जब जर्मनी में क्रॉसिकोव पकड़ा गया, तो रूस ने जर्मनी में हुए चेचेन कमांड की हत्या में देश का हाथ होने से इनकार कर दिया था. साथ ही क्रासिकोव के खिलाफ दर्ज केस को राजनीति से प्रेरित बताया था.

‘हमारा जांबाज दो, अमेरिकी पत्रकार को वापस लो’
इसी साल फरवरी के महीने में पुतिन ने ये पेशकश की है कि क्रासिकोव को छोड़ा जाए और कैदी के बदले रूस उस पत्रकार को रिहा कर देगा, जिसे यूक्रेन युद्ध के दौरान गिरफ्तार किया गया था. ये कोई पहली बार नहीं है जब रूस ने कैदी के बदले कैदी छोड़ने की बात कही है. रूस ने अमेरिका की गिरफ्त से हथियारों के डीलर विक्टर बाउट नाम के शख्स को छुड़ाया था. रूस ने विक्टर के बदले अमेरिका के बास्केटबॉल खिलाड़ी ब्रिटनी ग्रिनर को रिहा किया था. आजाद होने के बाद विक्टर बाउट ने रूस की राजनीति में एंट्री की और क्षेत्रीय चुनाव में जीत भी दर्ज की. वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार गेर्शकोविच की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका और रूस में तनाव बढ़ गया था. रूस का दावा है कि रूसी भाषा बोलने वाले पत्रकार गेर्शकोविच ने अमेरिका के कहने पर रूस के सैन्‍य परिसर की जासूसी कर रहा था. पत्रकार ने कई गोपनीय जानकारियां भी जुटाई हैं. अगर पत्रकार पर आरोप साबित हुए तो 20 साल तक की सजा हो सकती है.

ब्रिज ऑफ स्पाइज़
वर्ष 2015 में हॉलीवुड की बहुचर्चित फिल्म ब्रिज ऑफ स्पाइज़ में कोल्ड वॉर के समय में अमेरिका और रुस के जासूसों की अदला-बदली को दर्शाया गया था. इस फिल्म में दिखाया गया था कि बर्लिन के एक ब्रिज पर जासूसों की अदला-बदली होती है. 

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