यूक्रेन युद्ध के बीच रुस और अमेरिका के हथियारों के प्लांट में संदिग्ध आग लगने की खबर सामने आई है. रुस के एस-400 मिसाइल बनाने वाली फैक्ट्री में आग लगी तो अमेरिका के उस प्लांट में आग की घटना सामने आई जिसमें यूक्रेन के लिए गोला-बारूद बनाया जाता है. हालांकि, दोनों ही घटनाओं में ये साफ नहीं है कि ये दुर्घटना है या फिर कोई साजिश.
रुस की राजधानी मास्को में एवनगार्ड मिसाइल प्लांट की शॉप नंबर 12 में आग लगने की खबर सामने आई. रुस के इस प्लांट में एस-400 और एस-300 मिसाइलों का निर्माण किया जाता है. ये दोनों ही एयर डिफेंस मिसाइल हैं जिनका इस्तेमाल दुश्मन के फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर और मिसाइलों को आसमान में ही मार गिराने के लिए किया जाता है. एस-400 मिसाइल की रेंज 400 किलोमीटर है तो एस-300 की 300 किलोमीटर.
भारत ने भी रुस से एस-400 मिसाइल प्रणाली की पांच (05) यूनिट ली हैं. इनमें से तीन यूनिट भारतीय वायुसेना को मिल चुकी है लेकिन बाकी दो में अभी समय लग सकता है.
हालांकि, एवनगार्ड प्लांट का दावा है कि ये आग फायर-फाइटिंग ड्रिल का हिस्सा थी. दावा किया गया है कि ये आग ठीक वैसी ही लगाई गई थी जिन परिस्थितियों में कोई असल घटना होती है.
यूक्रेन युद्ध के बाद से ही कई बार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जब रुस के हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों और प्लांट पर हमला किया गया है. हाल ही में ड्रोन बनाने वाले एक प्लांट पर हमला किया गया था. हालांकि, ये प्लांट यूक्रेन बॉर्डर से करीब 1500 किलोमीटर की दूरी पर था.
उधर खबर है कि अमेरिका के पेनसिलवेनिया में भी गोला-बारूद बनाने वाली एक फैक्ट्री में आगजनी की घटना सामने आई है. पेनसिलवेनिया के स्क्रैंटॉन में जनरल डायनामिक्स नाम की कंपनी के प्लांट में ये आग लगी. कंपनी ने हालांकि, दावा किया कि आग पर फौरन काबू पा लिया गया था और उसमें किसी के हताहत होने की रिपोर्ट नहीं है. खास बात ये है कि इस प्लांट में यूक्रेन को सप्लाई होने वाले 155 एमएम तोप के गोले और मोर्टार बनाए जाते हैं. यूक्रेन युद्ध से पहले यहां महज 7000 शैल (गोलों) का निर्माण हर महीने किया जाता था लेकिन अब यहां 35 हजार आर्टिलरी शैल का निर्माण किया जाता है.