लाल सागर में अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ जंग तेज कर दी है. अमेरिकी नौसेना ने हूती विद्रोहियों की तीन बोट्स को समंदर में डुबो दिया और उसमें सवार सभी क्रू मेंबर्स को मार डाला. इस घटना के बाद ईरान ने अपना एक युद्धपोत इस क्षेत्र में भेज दिया है जिससे अब यहां भी युद्ध जैसे हालात बन गए हैं. अमेरिका लगातार ये आरोप लगाता आया है कि हूती विद्रोहियों को सीधे तौर से ईरान से मदद मिल रही है.
अमेरिका की सेंट्रल कमांड के मुताबिक, 31 दिसंबर को ईरान समर्थित चार छोटी बोट्स ने दक्षिण रेड सी (लाल सागर) में मर्स्क हंगजू नाम के एक कंटेनर शिप पर हमला करने की कोशिश की. ऐसे में इस शिप ने 24 घंटे के भीतर दो बार डिस्ट्रेस कॉल कर मदद मांगी. सेंट्रल कमांड के मुताबिक, यमन से आई हूती विद्रोहियों की बोट इस जहाज के 20 मीटर की दूरी पर पहुंच गई और शिप पर चढ़ने की कोशिश की. इस दौरान शिप पर मौजूद सिक्योरिटी टीम ने हूती विद्रोहियों पर फायरिंग कर भगाने की कोशिश भी की.
पूरे खाड़ी क्षेत्रों की सुरक्षा-जिम्मेदारी निभाने वाली अमेरिका की सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के मुताबिक, इसी दौरान मर्स्क जहाज की मदद के लिए यूएसएस आइजनहॉवर एयरक्राफ्ट कैरियर से हेलीकॉप्टर और यूएएस ग्रेवली युद्धपोत को भेजा गया. हेलीकॉप्टर ने हूती बोट्स को चेतावनी दी तो उन्होंने हेलीकॉप्टर पर फायरिंग शुरु कर दी. ऐसे में आत्म-रक्षा के लिए हेलीकॉप्टर पर फायरिंग की जिसमें हूती विद्रोहियों की तीन बोट्स डूब गई. जबकि चौथी बोट वहां से भाग खड़ी हुई. सेंटकॉम के मुताबिक, इस दौरान अमेरिका को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ.
अमेरिका के मुताबिक, पिछले एक महीने में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में करीब दो दर्जन हाईजैक, ड्रोन अटैक और हमलों की कोशिश की है. ऐसे में अमेरिका ने मित्र-देशों के साथ मिलकर लाल सागर में ऑपरेशन प्रोस्पेरिटी गार्जियन लॉन्च किया है. इसके तहत अमेरिका की बहरीन (खाड़ी देश) स्थित फीफ्थ (5) फ्लीट और इंग्लैंड, फ्रांस जैसे देशों के जहाज इस क्षेत्र की सुरक्षा कर व्यापारिक और ऑयल टैंकर्स इत्यादि को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं.
हूती विद्रोहियों की बोट्स को डुबोने के बाद माना जा रहा है कि ईरान ने अपने एक युद्धपोत आईआरआईएस अल्बुर्ज को लाल सागर में तैनात किया है. इस बीच इंग्लैंड के विदेश मंत्री डेविड कैमरोन ने अपने ईरानी समकक्ष आमिर अब्दुलाहयान से फोन पर इस क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रमों पर बातचीत की.
पिछले 85 दिनों से इजरायल-हमास युद्ध चल रहा है. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के गाजा पट्टी पर जबरदस्त हमलों और बड़े हिस्सों को अपने कब्जे में लेने से मिडिल-ईस्ट के विद्रोही संगठनों ने इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में पिछले एक महीने से ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोही इजरायल से जुड़े कार्गो जहाज और तेल के टैंकरों पर हमले कर रहे हैं. इसी के जवाब में अमेरिका हूती विद्रोहियों के खिलाफ ऑपरेशन कर रहा है. क्योंकि एशिया को यूरोप से जोड़ने वाला रेड सी एक सामरिक महत्व का शिपिंग कम्युनिकेशन लाइन है. दुनियाभर का करीब 12 प्रतिशत व्यापार इसी समुद्री-मार्ग से होता है. हूती विद्रोहियों के हमलों से घबराकर कई शिपिंग कंपनियों ने रेड सी के बजाए कॉप ऑफ गुड होप के जरिए अपने जहाज भेजना शुरु कर दिया था. लेकिन इससे समुद्री जहाज को एक लंबा समय लगता है और ज्यादा खर्च आता है.
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