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26/11 आतंकी हमले का इंसाफ 2025 में, मास्टरमाइंड का भारत आना तय

मुंबई आतंकी हमले के पीड़ितों के लिए इंसाफ का वर्ष हो सकता है वर्ष 2025. क्योंकि 26/11 हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर हुसैन राणा को जल्द ही भारत लाया जा सकता है.

अमेरिकी कोर्ट से प्रत्यर्पण की हरी झंडी मिलने के बाद कूटनीतिक चैनल के जरिए तहव्वुर को भारत लाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. अमेरिकी कोर्ट ने अगस्त 2024 में फैसला सुनाते हुए भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत भेजने को मंजूरी दी थी.

भारत लाया जाएगा तहव्वुर हुसैन

तहव्वुर हुसैन राणा साल 2008 में हुए मुंबई हमले की अहम कड़ी और आतंकी डेविड कोलमैन हेडली का साथी है. भारत के अनुरोध के बाद तहव्वुर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था और लंबी कानूनी जद्दोजहद के बाद कोर्ट में हमले में राणा की भूमिका साबित हो गई थी.

तहव्वुर ने अगस्त 2024 को अपील प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील की थी, जिसे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने खारिज किया था. अमेरिकी अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजा जा सकता है.

एफबीआई ने राणा को 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया था. अब उसे भारत लाने की तैयारी जोरों पर हैं. अमेरिका कोर्ट ने राणा को आतंकवादी संगठन को मदद करने और डेनमार्क में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की नाकाम साजिश रचने के लिए दोषी करार दिया था.

लश्कर आतंकी है तहव्वुर राणा

तहव्वुर राणा का नाम मुंबई हमले की चार्जशीट में आरोपी के तौर पर दर्ज है और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था. चार्जशीट के अनुसार, तहव्वुर राणा आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है. 

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का खास साथी माना जाता है तहव्वुर. हमलों से पहले तहव्वुर और हेडली में कई बार मीटिंग हुईं. डेविड कोलमैन हेडली ने अपने बयान में तहव्वुर का नाम लिया है. डेविड कोलमैन हेडली ही वो आतंकी है, जो हमले से पहले मुंबई आया था और मुंबई के ताज होटल, चबाड हाउस, लियोपोल्ड कैफे समेत कई मुख्य जगहों की रेकी की. बाद में आईएसआई और पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रशिक्षण आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल, बार, रेस्टोरेंट और चबाड हाउस समेत कई जगहों पर हमला किया.

तहव्वुर ने कई बार डेविड हेडली से मुलाकात की थी. तहव्वुर ने हेडली के लिए नकली वीजा बनवाया था. आतंकी डेविड हेडली को नकली वीजा इसलिए दिए गए थे ताकि वह भारत में दिखाने के लिए एक फर्जी कारोबार करे लेकिन असली मकसद हमलों से पहले रेकी करना था. तहव्वुर अच्छे से जानता था कि मुंबई में क्या होने वाला है. 

हमले से पहले मुंबई के होटल में रुका था तहव्वुर
तहव्वुर के खिलाफ भारत में दाखिल चार्ज शीट के मुताबिक “26 नवंबर को हमले से ठीक पहले मुंबई के पवई में एक होटल में दो दिनों तक राणा रुका था. तहव्वुर राणा 11 नवंबर 2008 को भारत आया और 21 नवंबर तक भारत में रहा. इस दौरान ही वो दो दिन पवई के होटल में रहा.

हमले के तार पाकिस्तानी सेना से जुड़े

राणा ने ही पाकिस्तानी अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली के लिए नकली कागजातों के जरिए भारतीय टूरिस्ट वीजा दिलाने में मदद की थी. मुंबई हमले की प्लानिंग के दौरान हेडली और राणा के बीच ईमेल के जरिए हुई बातचीत भी एजेंसी को मिली. राणा और हेडली के बीच ईमेल के जरिए बातचीत हुई जिसमें हेडली ने मेजर इकबाल की ईमेल आईडी मांगी थी.

मेजर इकबाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा है. क्योंकि 26/11 आतंकी हमले के पीछे आईएसआई की साजिश थी.

मेजर इकबाल को भी भारतीय एजेंसियों ने राणा और कोलमैन हेडली के साथ आरोपी बनाया है.पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के पद पर रह चुका भारत का वांटेड और मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा फिलहाल लॉस एंजेलिस की जेल में बंद है. 

पर अब कूटनीतिक चैनल के जरिए तहव्वुर को भारत लाने की कवायद शुरु हो गई है. तहव्वुर राणा को भारत में सजा दिए जाने से मुंबई हमले के पीड़ितों को इंसाफ मिलेगा.


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