Breaking News Geopolitics Reports

अमेरिकी चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप, US ट्रेजरी का बड़ा एक्शन

अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के आरोप में रूस और ईरान की संस्थाओं पर बैन लगाया गया है. अमेरिका के ट्रेजरी विभाग का कहना है कि रूसी और ईरानी संस्थाओं ने वोटिंग से पहले अमेरिकी लोगों को बांटने की कोशिश की थी. जिन संस्थाओं पर बैन लगाया गया है उसमें एक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ‘गुरु’ एलेक्जेंडर डुगिन की भी है.

आरोप है कि एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के जरिए अमेरिका से जुड़ी कई गलत जानकारियां इन संस्थाओं ने फैलाई थी. चुनाव के दौरान डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों ही पार्टियों ने विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता जाहिर की थी.

रुस-ईरान ने मिलकर लोगों को बांटने की कोशिश की: अमेरिका

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने जांच में पाया है कि रूस और ईरान ने गलत सूचनाओं से चुनाव को प्रभावित किया है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी का दावा है कि फेक वीडिया, फेक न्यूज और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए वोटर्स को गुमराह किया और लोगों का अमेरिकी चुनाव में कम विश्वास कम किया.

अमेरिकी आतंकवाद और वित्तीय खुफिया मामलों के अधिकारी ब्रैडली टी स्मिथ के मुताबिक, “ईरान और रूस की सरकारों ने हमारे इलेक्शन प्रॉसेस और इंस्टीट्यूशन्स को निशाना बनाया है और गलत सूचनाओं के जरिए अमेरिकी लोगों को बांटने की कोशिश की है.” (RT के जरिए US Elections को प्रभावित करने का आरोप)

रूस-ईरान के संगठन पर अमेरिका ने लगाया बैन

अमेरिकी ट्रेजरी के मुताबिक, हमने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की सहायक कंपनी और रूस की सैन्य खुफिया एजेंसी के एक सहयोगी पर चुनाव के दौरान सामाजिक-राजनीतिक तनाव को भड़काने और अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास में बैन लगाया है. 

जिन कंपनियों पर बैन लगाया गया है, उनमें ईरान की आईआजीसी की सहायक कंपनी काग्निटिव डिजाइन प्रोडक्शन सेंटर और रूस की सेंटर फॉर जियोपॉलिटिकल एक्सपर्टिस है. ईरानी ग्रुप पर आरोप है कि हमास-इजरायली युद्ध के दौरान अमेरिका में प्रदर्शनों को बढ़ावा दिया. इसके अलावा ईरान पर डोनाल्ड ट्रंप के अभियान के वरिष्ठ सदस्यों के साथ-साथ कई शीर्ष वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के अकाउंट को हैक करने का भी आरोप लगाया गया है. (अमेरिका की आंख में चुभा RT, भारत में भी सेंसर करने का किया आह्वान)

पुतिन के गुरु एलेक्जेंडर डुगिन से संबंधित है प्रतिबंधित ग्रुप

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, मॉस्को स्थित रूसी समूह सेंटर फॉर जियोपॉलिटिकल एक्सपर्टिस ने अमेरिकी उम्मीदवारों के बार में गलत खबरे प्रकाशित कीं और प्रसार की देखरेख की. अपनी प्लानिंग के लिए एआई का प्रयोग किया, जिसमें डीफफेक वीडियो भी शामिल हैं.

अमेरिका का दावा है कि रूसी ग्रुप का डायरेक्टर रूसी सैन्य खुफिया एजेंटों के साथ मिलकर काम करता था और वेस्ट देशों के खिलाफ साइबर अटैक जैसी गतिविधियों पर नजर रखता था. अमेरिका में दुष्प्रचार फैलाने के लिए तकरीबन 100 वेबसाइट का प्रयोग किया गया. ये ग्रुप एलेक्जेंडर डुगिन द्वारा वित्तपोषित है. (Eurasian गुरू दिल्ली में, मोदी को बताया सुपर लीडर)

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.