भारत-विरोध गतिविधियों के लिए मिलने वाली फंडिंग का खुलासा अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया तो नेपाल में भी यूएसएड के खिलाफ आवाज उठाई गई है. राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के सांसद ने नेपाल की संसद में अमेरिकी फंडिंग की जांच की मांग उठाई है. सांसद धवल शमशेर राणा का आरोप है कि नेपाल को हिन्दू राष्ट्र खत्म करने और धर्मांतरण के लिए 100 मिलियन डॉलर की अमेरिकी फंडिंग की गई थी.
नेपाल को हिंदू राष्ट्र खत्म करने के लिए हुई अमेरिकी फंडिंग: सांसद
नेपाल के सांसद धवल शमशेर राणा का आरोप है कि नेपाल में धर्मांतरण के लिए अब तक 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए जा चुके हैं. नेपाल की संसद में सांसद ने कहा, मनमोहन सरकार में अमेरिका से 14 अरब रुपए आया, मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति गठन करनी चाहिए और जांच करानी चाहिए. सांसद ने कहा है कि अमेरिकी फंडिंग का पैसा किस-किस नेता को मिला, इसकी सच्चाई देश और दुनिया के सामने आनी चाहिए. नेपाल के सांसद ने बड़े आंदोलन की धमकी दी है. सांसद ने ये भी कहा कि, नेपाल की पहचान विश्व के एकमात्र हिंदू राष्ट्र के रूप रही है, इसलिए धर्मनिरपेक्षता को खारिज करके दोबारा से हिंदू राष्ट्र की घोषणा संसद से किए जाने की मांग भी की.
निशिकांत दुबे ने भी संसद में लगाए थे गंभीर आरोप
लोकसभा में बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने भी यूएसएड फंडिंग पर बड़ा सवाल उठाया था. निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि राजीव गांधी फाउंडेशन की मिलीभगत से मनमोहन सिंह की सरकार के समय नेपाल में हिंदू राष्ट्र को खत्म करने के लिए भी इसी संस्था ने पैसे दिए थे. हालांकि कांग्रेस ने निशिकांत दुबे के आरोपों को बेबुनियाद बताया था.
अमेरिका ने रोकी नेपाल की फंडिंग
अमेरिका नेपाल को वित्तीय फेडरलिज्म के नाम पर 20 मिलियन डॉलर दे रहा था. इस रकम को बंद कर दिया गया है. इसके अलावा नेपाल को अमेरिका बायोडायवर्सिटी संरक्षण की कोशिशों के लिए 19 मिलियन डॉलर दे रहा था. इस पैसे को भी बंद कर दिया गया है.