इंग्लैंड के एक टॉप मिलिट्री कमांडर पर अफगानिस्तान में वॉर-क्राइम (2001-21) छिपाने के गंभीर आरोप लगे हैं. इंग्लैंड के वाइस चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल ग्वेन जेनकिंस पर आरोप है कि जब वे एसएएस (स्पेशल फोर्सेज) के कमांडिंग ऑफिसर थे तब उन्होंने अपनी यूनिट के ऑफिसर्स द्वारा अफगान नागरिकों की निर्मम हत्या से जुड़ी जानकारी छिपाई थी.
लंदन की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में जनरल जेनकिंस सहित कई अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है. साथ ही रक्षा मंत्रालय ने भी अलग से एक जांच गठित की है. यूनाइटेड किंगडम (यूके) के दूसरे सबसे बड़े मिलिट्री कमांडर, जनरल जेनकिंस पिछले साल (2022) अगस्त के महीने में डिप्टी सीडीएस बनाए गए थे. यूके की मिलिट्री हिस्ट्री में वे उन चुनिंदा सैन्य अफसरों में हैं जो टू-स्टार (मेजर जनरल) से सीधे फॉर स्टार जनरल बने हैं. डिप्टी सीडीएस के साथ-साथ जनरल जेनकिन्स रॉयल मेरीन्स के कमांडेंट जनरल भी हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनरल जेनकिंस वर्ष 2011 में यूके की एलीट स्पेशल फोर्स, एसएएस यानि स्पेशल एयर सर्विस के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) के पद पर तैनात थे. उस वक्त उनकी तैनाती अफगानिस्तान में नाटो फोर्सेज के अंतर्गत थी. उस दौरान उन्हें अपनी ही एसएएस यूनिट के कमांडो की बातचीत से जुड़े दस्तावेज मिले थे. इन दस्तावेजों में एसएएस कमांडो अफगानिस्तान में फर्जी मुठभेड़ों में 15 साल से ऊपर के युवाओं को मारने की बात कर रहे हैं. साथ ही हथकड़ी में जकड़े अफगानी नागरिकों को भी एक्स्ट्रा-ज्यूडिशियल किलिंग के जरिए मारने की बात भी थी.
जनरल जेनकिंस पर आरोप है कि उन्होंने यूनिट के सीओ (कर्नल रैंक) होने के नाते इन दस्तावेजों और गंभीर आरोपों को रॉयल मिलिट्री पुलिस को देने के बजाए क्लासिफाइड डोजियर के नाम से लॉकर में रख दिए. यूके की मिलिट्री-रूल्स के मुताबिक, ऐसे किसी भी आरोपों को छिपाने के बजाए मिलिट्री पुलिस के साथ साझा करना होता है. लेकिन जनरल जेनकिंस, ने ऐसा न कर गंभीर आरोप किया है. हालांकि, एसएएस की फर्जी मुठभेड़ों की जांच कई साल से चल रही है लेकिन पहली बार इस जांच के दायरे में शामिल सीनियर मिलिट्री ऑफिसर के नाम सार्वजनिक तौर से सामने आए हैं.
युद्ध के दौरान सैनिकों द्वारा आम नागरिकों की हत्या, बलात्कार और दूसरे जघन्य अपराधों की घटनाएं कई बार सामने आ चुकी हैं. अफगानिस्तान युद्ध के दौरान आस्ट्रेलिया की सेना पर भी वॉर-क्राइम के आरोप लग चुके हैं. अमेरिकी सेना पर भी अफगानिस्तान में युद्ध-अपराध के गंभीर आरोप लग चुके हैं.
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के दौरान रूसी सेना पर भी बूचा नरसंहार के आरोप लगे थे. हालांकि, रूस ने इन आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया था लेकिन हकीकत ये है कि रूसी सेना के बूचा शहर को खाली करने के बाद वहां जगह-जगह लोगों के शव बरामद हुए थे. उन सभी की गोली मारकर बेरहमी से हत्या की गई थी. महिलाओं ने बलात्कार तक के आरोप लगाए थे.