नए साल के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान को लेकर बड़ा बयान दिया है. शी जिनपिंग ने कहा है कि ताइवान और चीन का ‘विलय’ होने से कोई नहीं रोक सकता.
शी ने कहा कि चीन और ताइवान, “दोनों में एक ही परिवार के लोग रहते हैं.” नए साल के मौके पर जहां पूरी दुनिया में जश्न का माहौल है, तो चीनी राष्ट्रपति के ताइवान के विलय को लेकर दिए बयान से खलबली मच गई है.
चीन-ताइवान में पारिवारिक संबंध: शी जिनपिंग
नए साल की पूर्व संध्या पर चीन के लोगों को शी जिनपिंग ने संबोधित किया. चीन की प्रगति को लेकर तो जिनपिंग ने बात की ही पर ताइवान को लेकर जिनपिंग ने बेहद अहम बयान दिया है.
जिनपिंग ने कहा, “हम चीनी लोग और ताइवान दोनों एक ही परिवार के सदस्य हैं. कोई भी हमारे संबंधों को कभी तोड़ नहीं सकता. कोई भी चीन के साथ ताइवान के एकीकरण (विलय) को रोक नहीं सकता.”
हालांकि शी जिनपिंग ने ये बयान पहली बार नहीं दिया है. शी जिनपिंग अक्सर ये कहते हैं कि चीन-ताइवान का विलय होकर रहेगा. पर ऐसे वक्त में ये बयान बेहद अहम हो जाता है, जब हाल ही में अमेरिका ने ताइवान के लिए एक बड़े डिफेंस पैकेज का ऐलान किया है.
लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को चीन अपना क्षेत्र मानता है. जबकि ताइवान ने बीजिंग के ऐसे दावों को हमेशा से खारिज करता रहा है.
लाई चिंग-ते के राष्ट्रपति बनने के बाद बढ़ी तनातनी
पिछले साल मई में ताइवान में लाई चिंग ते राष्ट्रपति बने हैं, जिन्हें चीन का कट्टर दुश्मन माना जाता है. लाई चिंग ते स्वतंत्र और संप्रभु ताइवान के पक्ष में हैं.
लाई चिंग ते ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले ही भाषण में चीन के खिलाफ आक्रामकता दिखाई थी. जिसके बाद चीन के साथ ताइवान का तनाव और बढ़ गया था.
चीनी सरकार लाई चिंग ते को अलगाववादी नेता मानती है और सख्त विरोध करती रही है.
लाई चिंग ते के शपथ के बाद से चीन अक्सर अपनी सीमाओं के करीब युद्धपोत भेजकर और लगभग हर दिन हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करके ताइवान पर सैन्य दबाव बढ़ा रहा है. चीन लगभग हर रोज द्वीप के निकट अपने पोत और सैन्य विमान भेजता है.
बीते दिनों अमेरिका की ओर से ताइवान को सैन्य सहायता प्रदान करने पर चीन ने आपत्ति जताई थी. बाइडेन ने ताइवान को 5700 लाख डॉलर से ज्यादा की सैन्य सहायता की है. जिसपर चीन आगबबूला है और चीन ने अमेरिकी सहायता को वन चाइना पॉलिसी का उल्लंघन बताया है.