Breaking News Geopolitics Indian-Subcontinent

शेख हसीना ने बर्बाद किया बांग्लादेश, यूनुस ने आरोपों को बताया Propaganda

अमेरिका, ब्रिटेन और दुनियाभर में हिंदुओं की सुरक्षा पर घिरे बांग्लादेश के अंतरिम राष्ट्रपति मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना के भारत से वापसी पर बड़ा बयान दिया है. यूनुस ने हिंदुओं पर हमले की खबरों को  प्रोपेगैंडा करार देते हुए शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारत पर दबाव बनाने की बात कही है. मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना पर बांग्लादेश को बर्बाद करने का आरोप लगाया और भारत के आरोपों को बिना तथ्यों वाला बताया है.

भारत से मांगेंगे शेख हसीना का प्रत्यर्पण: मोहम्मद यूनुस

मोहम्मद यूनुस ने अगस्त के महीने से भारत में रह रही बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लाने की बात कही है. मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि वो “भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेंगे. दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत प्रत्यर्पण करने के लिए बाध्य होगा.”

यूनुस ने कहा, “बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में हसीना के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई समाप्त होने के बाद, भारत को उन्हें प्रत्यर्पित कर देना चाहिए. मुकदमे की सुनवाई समाप्त होने के बाद निर्णय आने पर हम आधिकारिक तौर पर भारत से शेख हसीना को सौंपने के लिए आग्रह करेंगे.”

बांग्लादेश को शेख हसीना ने बर्बाद कर दिया: मोहम्मद यूनुस

यूनुस ने कहा है कि “शेख हसीना की सत्ता खत्म होने के बाद नया बांग्लादेश बन रहा है. क्योंकि शेख हसीना के 15 साल के कार्यकाल में बांग्लादेश में सब कुछ बर्बाद हो गया.” यूनुस ने आरोप लगाते हुए कहा कि “शेख हसीना ने दिखावटी चुनाव कराए और खुद को और अपनी पार्टी को निर्विरोध विजेता घोषित किया. बांग्लादेश में शेख हसीना ने एक फासीवादी शासक के रूप में शासन किया.”

हिंदुओं की सुरक्षा पर किया जा रहा दुष्प्रचार: यूनुस

हिंदुओं पर बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को मोहम्मद यूनुस ने प्रोपेगैंडा बताया है. मोहम्मद यूनुस ने कहा है की “हिंदुओं की सुरक्षा के बारे में भारत सरकार की चिंता तथ्यों पर आधारित नहीं है और जो कुछ कहा जा रहा है वह सिर्फ दुष्प्रचार है.”

दरअसल भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं को टारगेट किए जाने पर चिंता जताई है साथ ही बांग्लादेश के अंतरिम सरकार से हिंदुओं समेत दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. पिछले सप्ताह इस्कॉन के संत चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद भारत-बांग्लादेश में रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए हैं. 

दक्षेस (सार्क)को पुनर्जीवित होना चाहिए: मोहम्मद यूनुस

ये बात तो सबके सामने है कि बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पाकिस्तान के करीब आ गई है. 1971 जिस दिन से बांग्लादेश बना है, तब से अब तक बांग्लादेश में जो नहीं हुआ वो हो रहा है.

पाकिस्तानी जहाज का बांग्लादेश में आना शुरु हो गया है और अब बांग्लादेश पाकिस्तान के करीब है. इस बीच सार्क को लेकर भी मोहम्मद यूनुस ने बयान दिया है. मोहम्मद यूनुस ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को पुनर्जीवित करने का भी प्रस्ताव रखा है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण काफी हद तक निष्क्रिय है. 

इसी साल अक्टूबर महीने में एससीओ शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान जाने से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सार्क के निष्क्रिय होने की वजह का जिम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया था. एस जयशंकर ने कहा था कि “आतंकवाद ऐसी चीज है जो अस्वीकार्य है और वैश्विक दृष्टिकोण के बावजूद, यदि हमारा कोई पड़ोसी आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रखता है, तो उस पर रोक लगाई जानी चाहिए. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में दक्षेस की कोई बैठक नहीं हुई है. यदि आप सभी एक साथ बैठ रहे हैं और सहयोग कर रहे हैं और एक देश आतंकवाद फैला रहा है तो यह सभी देशों के लिए चुनौती है.”

गौरतलब है कि सार्क आठ देशों का एक आर्थिक और राजनीतिक संगठन है. जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका शामिल हैं. साल 2016 के बाद से सार्क बहुत प्रभावी नहीं रहा है. दक्षेस देशों की आखिरी बैठक 2014 में काठमांडू में हुई थी. इसके बाद से कोई शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है. 

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.