अगले महीने स्विट्जरलैंड में होने जा रही पीस समिट को ‘पीआर-स्टंट’ बताते हुए रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन समकक्ष जेलेंस्की से बातचीत करने से इंकार कर दिया है. पुतिन के मुताबिक, जेलेंस्की यूक्रेन में ‘वैधता’ खो चुके हैं. पुतिन का ये बयान ऐसे समय में आया है जब चीन और ब्राजील ने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए एक अलग सम्मेलन बुलाने का आह्वान किया है.
दरअसल, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का कार्यकाल इस महीने की 20 तारीख को खत्म हो चुका है. लेकिन रुस से युद्ध के चलते राष्ट्रपति पद के लिए चुनावों को टाल दिया गया है. पिछले दो सालों से चल रहे युद्ध में यूक्रेन अपने देश का एक-चौथाई हिस्सा (डोनबास) रुस के हाथों खो चुका है. डोनबास (दोनेत्स्क, लुहांस्क, मारियूपोल और जपोरिजिया) में जनमत संग्रह और आम चुनाव कराके पुतिन ने इस इलाके को पूरी तरह से रशियन फेडरेशन में शामिल कर लिया है. अब रुस की सेना ने उत्तरी यूक्रेन के महत्वपूर्ण खारकीव प्रांत में ग्राउंड अटैक कर दिया है. हालांकि, पुतिन ने कहा है कि रूसी सेना खारकीव शहर पर कब्जा नहीं करेगी लेकिन सीमावर्ती बेलगोरोड के लिए एक बफर-जोन बनाने की तैयारी है. ये इसलिए ताकि यूक्रेन की सेना रुस के बेलगोरोड पर हमला ना कर सके.
रुस के जमीनी हमलों का खारकीव में इतना जबरदस्त असर हुआ है कि यूक्रेन की सेना मोर्चा छोड़कर भाग खड़ी हुई है. अपनी चौकियों के साथ-साथ यूक्रेनी सैनिक हथियार और दूसरे सैन्य उपकरण भी छोड़ गए हैं. ऐसे में यूक्रेन ने अपनी सेना की एक बिग्रेड और दो इंफैन्ट्री यूनिट्स के खिलाफ केस खोल दिया है (https://x.com/ZelenskyyUa/status/1794373734079304065).
बेलारूस की राजधानी मिन्स्क के दौरे पर गए पुतिन ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि मॉस्को को पता होना चाहिए कि अगर कोई शांति समझौता होता है तो कीव (यूक्रेन की राजधानी) में किस से बातचीत करनी है. बेलारूस के साथ परमाणु युद्धाभ्यास पर पुतिन ने कहा कि इसमें कुछ भी ‘असामान्य’ नहीं है. क्योंकि पश्चिमी देश अक्सर इस तरह की मिलिट्री एक्सरसाइज करती हैं. पुतिन ने ये भी कहा कि परमाणु युद्धाभ्यास के जरिए “हम तनाव नहीं बढ़ाना चाहते हैं.”
अमेरिका सहित दूसरे नाटो देश यूक्रेन को हथियार तो मुहैया करा रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ युद्ध रूकवाने के लिए स्विट्जरलैंड अगले महीने की 15-16 तारीख (जून) को एक शांति वार्ता का आयोजन कर रहा है. यूक्रेन ने भारत को भी इस शांति वार्ता में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है. लेकिन पुतिन ने साफ कर दिया है कि रुस इस पीस समिट में हिस्सा नहीं लेगा. क्योंकि इस सम्मेलन के जरिए जेलेंस्की की ‘छवि को उछालने’ की कोशिश की जा रही है.
उधर, रुस के दो ब्रिक्स सहयोगी देश, चीन और ब्राजील ने यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए एक ऐसे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने पर जोर दिया है जो दोनों देशों (रुस और यूक्रेन) को मान्य हो.