यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेेलेंस्की के बीच होने वाली बैठक से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने यूरोप की टेंशन बढ़ा दी है. बातचीत से पहले ट्रंप ने जेलेंस्की से दो टूक कह दिया है, कि न तो यूक्रेन नाटो में शामिल होगा और न ही क्रीमिया वापस मिलेगा.
वहीं जेलेंस्की ने अमेरिका के सामने ये शर्त रखी है कि वर्तमान मोर्चे पर बात की जाए क्योंकि यूक्रेन अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा.
कुछ चीजें नहीं बदलतीं, बातचीत से पहले ट्रंप का बड़ा बयान
जेलेंस्की से बातचीत करने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है. जेलेंस्की ने कहा, “यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अगर चाहें तो रूस के साथ युद्ध तुरंत समाप्त कर सकते हैं या फिर वे लड़ाई जारी रख सकते हैं. याद कीजिए कि यह कैसे शुरू हुआ था. ओबामा की ओर से दिया गया क्रीमिया वापस नहीं मिलेगा (12 साल पहले बिना एक भी गोली चलाए) और यूक्रेन का नाटो में शामिल होना भी संभव नहीं है. कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं!”
जेलेस्की ने ट्रंप के सामने रखी शर्त
व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात से पहले जेलेंस्की ने स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन अपनी अखंडता और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा. और वह अपनी शर्तों पर बातचीत करना चाहता है. जेलेंस्की ने अपने बयान में कहा, “ये एक ऐतिहासिक निर्णय है कि संयुक्त राज्य अमेरिका यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी में भाग लेने के लिए तैयार है. इन गारंटी को हमारे संयुक्त प्रयासों का परिणाम होना चाहिए जो सच में व्यावहारिक हों, जिसमें जमीन, हवा और समुद्र में सुरक्षा शामिल हो और यूरोप की भागीदारी के साथ विकसित की जाए. वर्तमान मोर्चे की रेखा से बातचीत की जाए.”
जेलेंस्की के साथ वॉशिंगटन में ईयू-नाटो का कुनबा
अलास्का में जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारी नजर आए, उससे यूरोप के देशों के अपने भविष्य पर खतरा लग रहा है. अगर अपनी शर्तों पर रूस ने युद्धविराम किया तो न सिर्फ यूक्रेन बल्कि यूरोप भी अपने हार के तौर पर देख रहा है.
बताया जा रहा है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति अपने साथ शीर्ष यूरोपीय नेता और नाटो भी बैठक में शामिल करवाना चाह रहे थे, लेकिन ट्रंप इसके लिए तैयार नहीं हुए. ऐसे में ट्रंप और जेलेंस्की की बैठक के बाद ईयू और नाटो के देशों से मुलाकात होगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ होने वाली बैठक में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और नाटो महासचिव मार्क रूट मौजूद रहेंगे. इसके अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे.
बैठक को लेकर फ्रांस ने क्या कहा?
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बैठक से पहले कहा, कि “यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल ट्रंप से यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं को, जो पहले से ही रूस के बाहर यूरोप की सबसे बड़ी सेना है, को और अधिक प्रशिक्षण और उपकरणों के साथ मजबूत करने के लिए तैयार की गई योजनाओं का समर्थन करने के लिए कहेगा ताकि शांति सुनिश्चित की जा सके.”
इतने सारे यूरोपीय नेता एक साथ, व्हाइट हाउस में बड़ा दिन: ट्रंप
ट्रंप ने जेलेंस्की और नाटो देशों के सदस्यों के साथ होने वाली बैठक को लेकर कहा, “व्हाइट हाउस में बड़ा दिन, एक साथ इतने सारे यूरोपीय नेता कभी नहीं आए। उनकी मेजबानी करना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है!!!”
अलास्का में ट्रंप-पुतिन की बैठक में नहीं बनी युद्धविराम पर बात
15 अगस्त को अलास्का में ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच युद्धविराम को लेकर बातचीत की गई थी. लेकिन ये बातचीत बेनतीजा रही. बातचीत को लेकर ट्रंप पर हावी दिखे थे पुतिन. रूस की ओर से साफ कर दिया गया है कि उन्हें सीजफायर नहीं युद्ध रोकने के पक्ष में हैं और वो भी अपनी शर्तों के मुताबिक.
जिस तरह से अलास्का में रेडकार्पेट पर पुतिन का स्वागत किया गया, वो भी यूरोप की टेंशन बढ़ा रहा है. इसलिए सोमवार की वार्ता बेहद अहम मानी जा रही है, जिसमें यूक्रेन के साथ यूरोप के सभी बड़े नेता एकजुटता दिखाने वॉशिंगटन पहुंचे हैं.