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UP डिफेंस कॉरिडोर में 24000 करोड़ का निवेश

By Khushi Vijai Singh

यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अब तक 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो चुका है. इसमें सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस से लेकर अडानी डिफेंस सिस्टम और भारत डायनामिक्स लिमिटेड जैसे बड़े उपक्रम शामिल हैं. ये जानकारी खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है.

गुरुवार को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में राज्य में निर्माणधीन एवं नवीन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं तथा औद्योगिक कॉरिडोर समते डिफेंस कोरिडोर के विकास की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. 

बैठक के दौरान बताया गया कि डिफेंस इंडिस्ट्रियल कोरिडोर में लखनऊ नोड में इस वक्त ब्रह्मोस एयरोस्पेस और एरोलॉय टेक्नोलॉजी, झांसी नोड में भारत डायनामिक्स लिमिटेड, कानपुर नोड में अडानी डिफेंस सिस्टम, अलीगढ़ में एमिटेक इलेक्ट्रॉनिक्स और एंकर रिसर्च लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नवीन प्रस्तावों पर तत्काल निर्णय लिया जाए और कोई भी प्रस्ताव लंबित न रहे.

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए. मुख्यमंत्री ने बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेसवे कवरेज को और विस्तार देने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. गंगा एक्सप्रेसवे को फर्रुखाबाद और जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए दो लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे निर्माण की कार्यवाही को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं. 

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेसवे हर हाल में दिसंबर 2024 तक तैयार कर लिया जाना चाहिए, ताकि प्रयागराज कुंभ 2025 में श्रद्धालु इस एक्सप्रेसवे का लाभ उठा सकें. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया. 
 योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक क्लस्टरों के विकास की प्रक्रिया को तेज करने के भी निर्देश दिए. इसके तहत उत्तर प्रदेश में बन रहे विश्वस्तरीय जेवर एयरपोर्ट को एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना बनाई गई है. 

मुख्यमंत्री ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों की सतत समीक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि निवेशकों को लैंड अलॉटमेंट और इंसेंटिव देने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए. 

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