इजरायल द्वारा गाजा में हमास के आतंकियों को मार गिराने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के इस्तेमाल पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है. यूएन का कहना है कि एआई का इस्तेमाल दुनिया की भलाई के लिए इस्तेमाल करना चाहिए न कि बड़े पैमाने पर युद्ध के लिए. इजरायल की सेना हमास के आतंकियों को चुन-चुनकर मारने के लिए एक खास एआई टूल का इस्तेमाल करती है जिसे ‘लैवेंडर’ के नाम से जाना जाता है.
इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) की खास इंटेलिसेंज यूनिट ‘8200’ ने इसे ईजाद किया है. ‘लैवेंडर’ के डाटा बैंक में हमास के करीब 37,000 टारगेट हैं. यही वजह है कि पिछले सात महीने में आईडीएफ ने गाजा में इतनी बड़ी तादाद में तबाही मचाई है. सामरिक जानकार मानते हैं कि इजरायल की ‘8200 यूनिट’ अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) और इंग्लैंड की सीजीएचक्यू की तर्ज पर खड़ी की गई है.
आंकड़ों की मानें तो इजरायल के हमलों में अब तक गाजा में करीब 30 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में 10 हजार से ज्यादा बच्चे और बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. इसका कारण ये है कि लैंवेंडर के जरिए इजरायली सेना हमास के आतंकियों को युद्ध के मैदान के बजाए घर में टारगेट करती है. ऐसे में घर में मौजूद बच्चे, महिलाएं और परिवार के दूसरे सदस्य भी हमलों में जान गंवा रहे हैं. इसके लिए इजरायली फोर्सेज हवाई हमले का इस्तेमाल करती है और डम्ब-बम से निशाना लगाया जाता है.
खुद इजरायली मीडिया के मुताबिक, लैवेंडर टूल में हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) के टॉप कमांडर के साथ-साथ निचले क्रम के ऑपरेटिव का डाटा भी मौजूद है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में इजरायल की सरकार ने आईडीएफ को हमास के समूल सफाए की खुली छूट दे रखी है. 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकियों द्वारा दक्षिण इजरायल पर हुए हमले के बाद नेतन्याहू ने ऑपरेशन स्वॉर्ड्स ऑफ आयरन लॉन्च करने का ऐलान किया था. इसके तहत आईडीएफ को हमास और पीआईजे के छोटे-बड़े सभी आतंकियों को युद्ध के मैदान या फिर घर में भी टारगेट करने की इजाजत है. साथ ही आतंकियों के साथ अगर घर में बीवी, बच्चे इत्यादि भी कोलेटरल-डैमज का शिकार हो जाते हैं तो भी सैनिकों को कानूनी संरक्षण दिया गया है.
जैसे ही ये खबर सामने आई कि इजरायली सेना युद्ध के मैदान में एआई का इस्तेमाल कर रही है संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक्स अकाउंट पर रोष जताया. गुटेरस ने लिखा कि “मैं उन रिपोर्ट से बहुत परेशान हूं कि इजरायली सेना के बमबारी अभियान में लक्ष्यों की पहचान में एआई को एक उपकरण के रूप में शामिल किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में नागरिक हताहत हुए हैं.” यूएन महासचिव ने आगे लिखा कि “एआई का उपयोग दुनिया की भलाई के लिए एक ताकत के रूप में किया जाना चाहिए; जवाबदेही को धूमिल करते हुए, औद्योगिक स्तर पर युद्ध छेड़ने में योगदान नहीं होना चाहिए.” (https://x.com/antonioguterres/status/1776408968711041434)
पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के आतंकी हमले में इजरायल के 1200 नागरिकों की जान चली गई थी और करीब 250 लोगों को अगवा कर लिया गया था. अभी भी कुछ इजरायली नागरिकों को हमास के आतंकियों ने बंधक बनाया हुआ है. यही वजह है कि इजरायल का गुस्सा हमास पर कहर बनकर गाजा में उतर रहा है.