देश की सेनाओं को जल्द से जल्द थिएटर कमांड के जरिए एक सूत्र में बांधने की दिशा में अब तेजी आ रही है. पिछले एक महीने में दूसरी बार सीडीएस जनरल अनिल चौहान के नेतृत्व में सेना के तीनों अंगों के प्रमुख और टॉप कमांडर राजधानी दिल्ली में खास चिंतन कर रहे हैं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सीडीएस जनरल चौहान की अध्यक्षता में राजधानी दिल्ली में दो दिवसीय (9-10 मई) परिवर्तन चिंतन-2 का आयोजन किया जा रहा है. इस सम्मेलन का उद्देश्य सशस्त्र सेनाओं में संयुक्ता और एकीकरण है. निकट भविष्य में देश में थिएटर-करण की स्थापना के लिए सशस्त्र सेनाओं में मौजूदा एकीकरण और ज्वाइंटनेस को गति देना बेहद जरुरी है.
मंत्रालय के मुताबिक, परिवर्तन चिंतन का पहला सम्मेलन पिछले महीने की 8 तारीख को आयोजित किया गया था. उस दौरान ट्राई-सर्विस इंस्टीट्यूट के प्रमुखों ने उसमें हिस्सा लिया था ताकि एकीकरण की प्रक्रिया में कुछ नए और सुधारात्मक विचारों पर चर्चा की गई थी. इसी कड़ी में अब दूसरा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है.
चिंतन के दूसरे चरण में सीडीएस के नेतृत्व में सेना के तीनों अंगों के प्रमुख और चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के सभी सदस्य मल्टीपल डोमेन में अब तक लिए गए सुधारों की समीक्षा कर रहे हैं. ये इसलिए किया जा रहा है ताकि सेनाओं में एकीकरण और संयुक्ता को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया जा सके.
दरअसल, मोदी सरकार ने सेनाओं के लिए एकीकृत थिएटर कमांड बनाने का ऐलान किया है. इसके जरिए थलसेना, वायुसेना और नौसेना की जो अलग-अलग 17 कमांड हैं उनके नंबर को कम कर साझा कमांड बनाई जा सकें. हालांकि, अभी भी अंडमान निकोबर कमांड और स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड (एसएफसी) सेना की तीनों अंगों की एकीकृत कमांड ही हैं. लेकिन सरकार चीन, अमेरिका और रुस जैसे शक्तिशाली देशों की सेनाओं की तर्ज पर ज्वाइंट कमांड चाहती है ताकि युद्ध के समय तीनों अंग मिलकर दुश्मन का मुकाबला कर सकें ना कि अलग-अलग ‘साइलो’ में.