जम्मू कश्मीर के कठुआ (जम्मू क्षेत्र) में आतंकियों ने एक बार फिर सेना की गाड़ियों पर हमला कर बड़ा नुकसान पहुंचाया है. आतंकी हमले में सेना के चार जवान वीरगति को प्राप्त हुए हैं जबकि आधा दर्जन जवान घायल हैं. ये हमला कुलगाम में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी के बाद सामने आया है जहां दो अलग-अलग एनकाउंटर में छह आतंकियों को ढेर किया गया था.
सोमवार दोपहर आतंकियों ने कठुआ में गश्त लगा रहे सेना के एक ट्रक पर जोरदार हमला किया. जानकारी के मुताबिक, आतंकियों ने पहले तो ट्रक पर ग्रेनेड से अटैक किया और फिर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु कर दी. आतंकियों ने घात लगाकर सेना के ट्रक पर हमला किया.
पंजाब के पठानकोट से सटा कठुआ, भारतीय सेना की पश्चिमी कमान का हिस्सा है और योल (हिमाचल प्रदेश) स्थित 9वीं कोर (राइजिंग कोर) का अधिकार-क्षेत्र है. हताहत हुए सैनिक भी इसी कोर से ताल्लुक रखते थे.
ये कोई पहला हमला नहीं है जब आतंकियों ने सेना के काफिले को जम्मू-क्षेत्र में निशाना बनाया है. इससे पहले उधमपुर, पुंछ और राजौरी जैसे इलाकों में आतंकियों ने सेना को निशाना बनाया है. ऐसे में साफ है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी कश्मीर घाटी के साथ-साथ जम्मू क्षेत्र में फिर से आतंक का गढ़ बनाने की फिराक में है.
हालांकि, कठुआ में हुए आतंकी हमले पर अभी तक भारतीय सेना को कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. हमले के बाद हालांकि, सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर आतंकवादियों की सघन तलाश शुरु कर दी है.
हमास की तरह आतंकियों ने बनाया था बंकर वाला सीक्रेट अड्डा
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में 6-7 जुलाई को मोदरगाम और चिन्निगम फ्रिसल में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर हुआ था. लगातार दो दिन तक चले एनकाउंटर में 6 आतंकी ढेर किए गए, जबकि 2 जवान वीरगति को प्राप्त हुए.
एनकाउंटर खत्म होने के बाद जवानों ने कुलगाम में जो देखा बेहद ही हैरान कर देने वाला था. सेना के सर्च के दौरान एक घर के अंदर लकड़ी की अलमारी मिली. अलमारी के पीछे कुछ ड्रॉयर बनाए गए थे. शक के आधार पर जब कपड़े रखने की अलमारी खोली गई तो अलमारी के नीचे के हिस्से में छिपने के लिए एक संकरा रास्ता बनाया गया था. और रास्ता एक बंकर की ओर जाता था. बताया जा रहा है कि कुलगाम में मारे गए आतंकी इसी बंकर में छिपे थे.
अलमारी में सुरंग, स्थानीय लोगों पर है शक
आतंकियों के अलमारी वाले बंकर को लेकर स्थानीय लोगों पर भी शक किया जा रहा है. एजेंसियों का मानना है कि बिना स्थानीय लोगों की मदद से अलमारी में संकरा रास्ता और बंकर नहीं बनाया जा सकता. आतंकी तो मार दिए गए हैं. पर अंदेशा इस बात का जताया जा रहा है, कि कुछ और संदिग्ध भी इलाके में छिपे हुए हो सकते हैं. लिहाजा सैन्य गश्त बढ़ा दी गई है और संदिग्धों और पनाहगारों पर भी नजर रखी जा रही है.
आतंकियों को अंजाम तक पहुंचाएंगे- डीजीपी
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी आरआर स्वैन ने कहा कि, “6 आतंकियों को मार गिराना, सुरक्षा माहौल को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर है. ऑपरेशन की सफलता इस बात का संकेत है कि जम्मू-कश्मीर में आतंक के खात्मे की लड़ाई अंजाम तक पहुंचेगी.” हाल ही में डीजीपी स्वैन ने खुलासा किया था कि “चुनावों से बौखलाए 70-80 की संख्या में विदेशी आतंकियों ने घुसपैठ की है. उन आतंकियों को चुन-चुनकर मारना चुनौती है.”
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