जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का काम तमाम करने के लिए उतर चुके हैं भारतीय सेना की खतरनाक चिनार कोर के जवान. कुपवाड़ा में देर रात शुरु हुई मुठभेड़ में एक आतंकी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. सेना और आतंकियों के बीच यह मुठभेड़ जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा की लोलाब घाटी के त्रिमुखा टॉप पर हुई है. सुरक्षाबलों ने आतंकियों को उस समय घेर लिया जब आतंकी एलओसी के पास जंगल में भागने की कोशिश कर रहे थे. मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी घायल हुआ है. पूरे इलाके में सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी है.
एनकाउंटर पर क्या है सेना का बयान?
सेना के श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) ने सोशल मीडिया एक्स पर आधिकारिक बयान जारी किया है. चिनार कोर लिखा कि “ऑपरेशन कोवुत, कुपवाड़ा में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष इनपुट के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने 23 जुलाई को एक संयुक्त अभियान चलाया. 24 जुलाई को, संदिग्ध गतिविधि देखी गई और सतर्क सैनिकों द्वारा चुनौती दी गई, जिसके जवाब में आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया और एक एनसीओ (नॉन कमीशन ऑफिसर) घायल हो गया है. ऑपरेशन जारी है.”
कुपवाड़ा के जंगलों में छिपे हो सकते हैं और आतंकी आतंकी के मारे जाने के बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है. साथ ही जंगल में आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया गया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा- “सुरक्षा बलों को कुपवाड़ा के लोलाब में त्रिमुखा टॉप के पास आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिली जिसके बाद अभियान शुरू किया गया जो अबतक जारी है.”
17 जुलाई को भी जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो आतंकी ढेर किेए गए थे. एनकाउंटर नॉर्थ कश्मीर के कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में एलओसी के पास हुआ था. इससे पहले डोडा के कास्तीगढ़ इलाके में भी आतंकी घेरे गए थे.
पुंछ के बट्टल सेक्टर में बड़ी घुसपैठ नाकाम
पुंछ के पास बट्टल सेक्टर में भी 24 घंटे पहले ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ करने वाले आतंकियों को भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने बड़ा जवाब दिया था. आतंकियों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी पर अलर्ट जवानों ने भारी गोलाबारी करके आतंकियों को घुसपैठ करने से रोका. आतंकियों की तरफ से हुई गोलीबारी तीन आतंकियों को गोली लगी और वो घुसपैठ से पहले ही उल्टे पांव भागने को मजबूर हो गए. हालांकि आतंकियों को खदेड़ने के दौरान लांस नायक सुभाष चंद्र वीरगति को प्राप्त हुए.
माना जा रहा है कि जिन आतंकियों को सेना ने खदेड़ा है वे पाकिस्तानी सेना की स्पेशल फोर्स, एसएसजी (स्पेशल सर्विस ग्रुप) के पूर्व कमांडो या फिर उनकी मदद से घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे. सेना को शक है कि आतंकियों का ये झुंड बैट यानी पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम का हिस्सा हो सकते हैं. बैट टीम में पाकिस्तानी सेना के कमांडो और आतंकी, दोनों ही शामिल होते हैं. वर्ष 2021 में पाकिस्तान से हुए युद्धविराम समझौते से पहले, पाकिस्तानी बैट टीम एलओसी पर घात लगाकर भारतीय सैनिकों पर हमला करती थी और उनके शवों को क्षत-विक्षत भी कर देती थी (आतंकी हमलों के साथ LOC पर घुसपैठ शुरु, सेना का जवाब).
सुभाष चंद्र की पत्नी 8 महीने की गर्भवती, पिता ने कहा ‘शहादत पर गर्व’
बट्टल सेक्टर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में यूपी के हाथरस के रहने वाले लांस नायक सुभाष चंद्र बलिदान हो गए हैं. लांसनायक आतंकियों से मुकाबले के दौरान ग्रेनेड हमले में बुरी तरह जख्मी हो गए थे. सुभाष चंद्र की चार साल पहले शादी हुई थी, डेढ़ वर्ष की बेटी है. वहीं पत्नी प्रीति आठ माह के गर्भ से है. इसी महीने 7 जुलाई को सुभाष चंद्र अपने गांव नगला मनी आए थे. परिवार को बेटे के खोने का गम है, पर पिता और भाई ने कहा, “हमें बेटे पर गर्व है”
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