क्वाड समूह कोई ‘टॉक-शॉप’ नहीं बल्कि दुनिया की भलाई के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को ‘फ्री और ओपन’ रखना चाहता है. टोक्यो पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को जबरदस्त फटकार लगाई है. जयशंकर ने कहा कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया वाला क्वाड समूह, लोकतांत्रिक देशों का एक ऐसा मंच है जो मौजूदा अस्थिर दुनिया को एक स्थिरता प्रदान कर रहा है.
जयशंकर का ये कड़ा बयान, टोक्यो में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की अहम बैठक के बाद आया है. जयशंकर ने कहा कि हम चारों देश (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) “लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्थाएं हैं जो एक नियम-आधारित, स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के साथ-साथ वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. यह अपने आप में एक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्टेबेलिजाइजिंग फैक्टर है.”
जयशंकर का बयान ऐसे समय में आया है जब चीन ने क्वाड समूह को ‘डेड-एंड’ घोषित कर दिया है. चीन का दावा है कि क्वाड समूह, चीन को “सीधे तौर से रोकने में नाकाम रहा है.”
जयशंकर ने कहा कि क्वाड विवादों का हल निकालने में मदद करता है. एचएडीआर यानी प्राकृतिक आपदा के दौरान मानवीय सहायता का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा क्वाड के चारों देशों की नौसेनाओं ने इसे लेकर एसओपी तैयार की है ताकि जरूरत पड़ने पर मदद की जा सके.
विदेश मंत्री ने कहा कि इंडो-पैसिफिक में मेरीटाइम डोमेन में जागरूकता लाने के लिए क्वाड देशों की नौसेनाएं इंफॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर के जरिए जुड़ी रहती हैं. जयशंकर ने कहा कि हम चारों देश काउंटर-टेररिज्म में एक दूसरे का सहयोग करते हैं. जयशंकर ने इस दौरान मॉरीशस में अंतरिक्ष के जरिए जलवायु से जुड़े सिस्टम को लॉन्च किए जाने की जानकारी भी साझा की.
जयशंकर ने कहा कि इस वक्त दुनिया के सामने चुनौतीपूर्ण समय है. ऐसे में स्थिरता, सुरक्षा और विकास (समृद्धि) के लिए ‘भरोसेमंद पार्टनर्स’ और ‘अंतरराष्ट्रीय सहयोग’ बेहद जरुरी है. जयशंकर ने कहा कि ये, क्वाड से ही संभव हो सकता है.
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद एक साझा बयान भी जारी किया गया जिसमें साउथ चायना सी में चीन की नौसेना और कोस्टगार्ड द्वारा फिलीपींस की बोट्स में टक्कर मारने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला दिया गया.