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बांग्लादेशी शरणार्थियों की बीएसएफ से गुहार, भारत आने दो

By Himanshu Kumar

बांग्लादेश में हिंदू और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़े लोग बड़ी संख्या में हर दिन बॉर्डर  पर इकट्ठा होकर भारत में प्रवेश की मांग कर रहे हैं ताकि शरण और सुरक्षा के साये में जीवन यापन कर सकें. लेकिन बीएसएफ के जवान समझा-बुझाकर बांग्लादेशी नागरिकों (हिंदू सहित) को सीमा पर लगी कटीली तार को पार करने से रोक रही है. साथ ही बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने बांग्लादेशी समकक्ष बीजीबी से इस बाबत बैठक की है.  

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के मुताबिक, पिछले दो दिनों से भारत-बांग्लादेश सीमा के कूचबिहार सेक्टर से सटी एक नदी में करीब 1000 लोग खड़े हुए हैं. ये सभी भारतीय सीमा में दाखिल होना चाहते हैं. लेकिन बीएसएफ के जवान उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेजने की कोशिश भी कर रहे हैं,. एक बीएसएफ जवान बांग्ला भाषा में इन सभी लोगों को घुसपैठ करने से मना कर रहा है. पास में ही बीएसएफ के सीनियर अधिकारी भी मौजूद हैं. अधिकारियों को बांग्ला भाषा नहीं आती इसलिए समझाने बुझाने की जिम्मेदारी एक बांग्ला भाषी जवान को सौंपी गई है. बीएसएफ के मुताबिक, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ समन्वय करने का निर्णय भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के केंद्र के निर्देश के अनुरूप है.

पिछले हफ़्ते, शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, बीजीबी के साथ खुले संचार चैनल बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. समिति में बीएसएफ की पूर्वी कमान के एडीजी सहित पांच सदस्य शामिल हैं.

बीएसएफ और बीजीबी की बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और बांग्लादेश में चल रही अशांति तथा भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों पर कथित हमलों की खबरों के बीच भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति का आकलन करने पर ध्यान केंद्रित किया गया.

हाल के हफ्तों में, खास तौर पर अवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद, बीएसएफ ने भारतीय नागरिकों की वापसी को सुगम बनाने और भूमि बंदरगाहों के माध्यम से द्विपक्षीय व्यापार में व्यवधान को दूर करने के लिए बीजीबी के साथ कई फ्लैग मीटिंग की हैं.

बीएसएफ के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की संभावित घुसपैठ को रोकने के लिए ये फ्लैग मीटिंग जारी रहनी चाहिए.

बीएसएफ ने स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सीमा के पास के बाजार और दुकानें रात 8 बजे तक बंद हो जाएं और निवासियों को सुरक्षा कारणों से सीमावर्ती सड़कों पर जाने से बचने की सलाह दी जाए. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपने इलाकों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अजनबियों की आवाजाही की सूचना देने का भी आग्रह किया है.

इस बीच खबर है कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास 11-12 अगस्त की रात को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों और बांग्लादेशी तस्करों के बीच हिंसक मुठभेड़ हुई. धारदार हथियारों से लैस तस्कर बांग्लादेश सीमा पर स्मगलिंग करने की कोशिश कर रहे थे, तभी बीएसएफ ने उन्हें रोक लिया. आत्मरक्षा में जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप एक तस्कर मारा गया और तस्करी का सामान और हथियार जब्त कर लिए गए.

बीएसएफ ने बयान में कहा, “इलाके में गश्त कर रहे बीएसएफ के एक जवान ने पांच से छह लोगों को भारत की तरफ से बांग्लादेश की तरफ अपने सिर पर सामान ले जाते देखा. जवान ने तुरंत उन्हें रोकने के लिए आगे बढ़ा और तस्करों को रुकने के लिए कहा. चुनौती को नजरअंदाज करते हुए झाड़ियों के पीछे छिपे तस्करों के एक अन्य समूह ने जवान पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया. जवानों ने आत्मरक्षा में दो राउंड गोलियां चलाई.” गोलीबारी के बाद हमलावर अंधेरे और घनी झाड़ियों का फायदा उठाकर भारतीय सीमा की ओर भाग गए.

बीएसएफ ने कहा, “गश्त ड्यूटी पर तैनात कंपनी कमांडर तुरंत मौके पर पहुंचे और जवानों के साथ इलाके की तलाशी ली. उन्होंने बीड़ी पत्तों के छह बंडल बरामद किए और जंगल में एक बांग्लादेशी तस्कर को घायल अवस्था में पाया. उसे मुर्शिदाबाद स्थित महेसिल के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.” मृतक की पहचान बांग्लादेश के चपई नवाबगंज जिले के ऋषिपारा गांव के निवासी अब्दुल्ला के रूप में हुई है.

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