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तरंगशक्ति एक्सरसाइज में दिखा LCA तेजस का दम

भारतीय वायुसेना के इतिहास में पहली बार देश में आयोजित मल्टीनेशनल एयर एक्सरसाइज तरंगशक्ति में स्वदेशी एयरक्राफ्ट ने अपना दम दिखाया. स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए तेजस के साथ साथ लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर प्रचंड और एलयूएच ने भी विदेशी वायुसेनाओं के समक्ष अपना शक्ति प्रदर्शन किया.

तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस (कोयम्बटूर) में आयोजित तरंगशक्ति एक्सरसाइज (6-14 अगस्त) में भारतीय वायुसेना के साथ-साथ इंग्लैंड, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी की एयरफोर्स शिरकत कर रही हैं. फ्रांस अपनी रफाल लड़ाकू विमानों के साथ तरंगशक्ति में हिस्सा ले रही है तो इंग्लैंड, जर्मनी और स्पेन ने यूरोफाइटर टाइफून के जरिए हिस्सा ले रही हैं.

मंगलवार को तरंगशक्ति एक्सरसाइज के पहले चरण में एलसीए तेजस ने सुलूर एयरबेस पर अपना दमखम दिखाया. इस दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी के साथ-साथ जर्मनी, स्पेन और फ्रांस के एयर फोर्स चीफ भी मौजूद थे. इसके अलावा प्रचंड और लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) ने भी फ्लाइंग और मैन्युवर के जरिए सुलूर एयरबेस पर मौजूद विदेशी मेहमानों का दिल जीत लिया.

इस मौके पर बोलते हुए एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि तेजस के ‘साइज (आकार) पर नहीं जाना चाहिए’. क्योंकि तरंगशक्ति युद्धाभ्यास में तेजस ने ‘ब्लू फोर्स’ (मित्र-वायुसेना) और ‘रेड फोर्स’ (दुश्मन वायुसेना) दोनों में हिस्सा लिया है और उसका प्रदर्शन उम्दा रहा है. तरंगशक्ति में हिस्सा लेने वाले सभी लड़ाकू विमानों में तेजस सबसे छोटे आकार का है.

एलसीए तेजस के अलावा भारतीय वायुसेना के सुखोई, मिराज और जगुआर सहित नौसेना के मिग-29के विमान भी एक्सरसाइज में हिस्सा ले रहे हैं.

लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस में फ्रांस और जर्मनी के वायुसेना प्रमुख ने फ्लाइंग किया. जबकि एयर चीफ मार्शल चौधरी और स्पेनिश चीफ ने सुखोई लड़ाकू विमान में फ्लाई किया.

तरंगशक्ति का दूसरा चरण जोधपुर एयरबेस पर आयोजित किया जाएगा. वायुसेना की तत्वाधान में हो रही तरंगशक्ति युद्धाभ्यास में अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया समेत कुल 31 देशों की वायुसेना हिस्सा लेने रही हैं.

तरंगशक्ति युद्धाभ्यास का दूसरा फेज जोधपुर में 29 अगस्त से 14 सितंबर तक आयोजित की जाएगा.

जोधपुर में आयोजित होने वाली दूसरे चरण में भारतीय वायुसेना के अलावा अमेरिका, ग्रीस और यूएई के एफ-16 और ऑस्ट्रेलिया के एफ-18 लड़ाकू विमान शिरकत करेंगे.

भारतीय वायुसेना के रफाल, सुखोई, एलसीए तेजस, मिग 29, मिराज 2000 और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे. इसके अलावा भारत के एलसीएच प्रचंड और एएलएच मार्क-4 हेलीकॉप्टर भी युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे. साथ ही अवॉक्स टोही विमान और सी-130 ट्रांसपोर्ट विमान भी तरंगशक्ति भी दिखाई पड़ेंगे.

तरंगशक्ति एक्सरसाइज का उद्देश्य दुनिया को एलसीए तेजस और प्रचंड जैसे स्वदेशी एयर प्लेटफॉर्म से रूबरू कराना है. साथ ही 2047 तक विकसित भारत के सपने के तहत दुनिया को एक मजबूत वायुसेना के तौर पर प्रदर्शित करना है.

खास बात ये है कि सुलूर एयरबेस पर भारतीय वायुसेना के एलसीए तेजस फाइटर जेट की स्क्वाड्रन तैनात रहती है.

मंगलवार को जर्मन, फ्रेंच और स्पेनिश वायुसेना प्रमुखों के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल चौधरी ने बताया कि सुलूर में युद्धाभ्यास के दौरान एयर टू एयर और एयर टू ग्राउंड मिशन को अंजाम दिया गया. शामिल होने वाली मित्र-देशों की वायुसेना ने एक दूसरे की बेस्ट-प्रैक्टिस को अपनाया और इंटर-ऑपरेबिलिटी पर खासा ध्यान दिया.

वायुसेना प्रमुख सहित तीनों देशों के एयर चीफ ने भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की कोशिशों को सराहा.

वायुसेना के मुताबिक, एक्सरसाइज के दौरान विदिन विजयुल रेंज (वीवीआर) कॉम्बेट मिशन, बीवीआर (बियोंड विजयुल रेंज) मिशन, लार्ज फोर्स इंगेजमेंट, एयर मोबिलिटी ऑपरेशन्स, डायनेमिक टारगेटिंग, एयर टू एयर रिफ्यूलिंग मिशन, कॉम्बेट सर्च एंड रेस्क्यू, हाई वैल्यू एरियल एसेट प्रोटेक्शन एंड बस्टिंग और मिक्स फोर्मेशन एयर टू एयर रिफ्यूलिंग मिशन शामिल हैं.

एक्सरसाइज के दौरान डीआरडीओ, ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी), एचएएल, डिफेंस पीएसयू और प्राईवेट कंपनियां स्वदेशी हथियारों और सैन्य उपकरणों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई.

वायुसेना के मुताबिक, कुल 51 मित्र-देशों की वायुसेनाओं को तरंगशक्ति में हिस्सा लेने के लिए निमंत्रण भेजा गया था. इनमें से 31 देशों की वायुसेनाएं भारत में बहुराष्ट्रीय एक्सरसाइज में हिस्सा ली रही है.

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