बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के नौ दिनों के भीतर ही अनिश्चितता शुरु हो गई है.अंतरिम सरकार के आंतरिक मामलों के मंत्री (गृह मंत्री) ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर्ड) एम सखावत हुसैन को उनके पद से हटा दिया गया है. ये वही मंत्री थे, जिन्होंने सत्ता संभालते ही भारत-बांग्लादेश के बीच फ्लैग मीटिंग बंद करने के आदेश दिए थे.
आंतरिक मंत्री बनने के बाद ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर्ड) सखावत हुसैन ने सीमा से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए बीएसएफ से फ्लैग मीटिंग नहीं करने को कहा था. साथ ही आदेश दिया था कि सीमा विवाद में ‘रिट्रीट’ यानी पीठ दिखाकर नहीं भागना है. दो दिन पहले ही टीएफए ने सखावत हुसैन की बेलगाम जुबान का खुलासा किया था.
हटाए गए ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर्ड) एम सखावत
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की ओर से चार मंत्रालयों एवं राष्ट्रपति कार्यालय में पांच सचिवों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की गयी. इस नियुक्ति के कुछ घंटे के भीतर ही ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन को गृह विभाग के सलाहाकार पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी को गृह विभाग का सलाहकार नियुक्त किया गया है. एम सखावत को कपड़ा और जूट मंत्रालय का प्रभार दिया गया है. (बॉर्डर पर ‘रिट्रीट’ बंद करेगा बांग्लादेश, अंतरिम सरकार ने रंग दिखाना किया शुरु)
सेना से कहा है कि आपकी टांगें तोड़ दें: सखावत हुसैन
ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर्ड) सखावत हुसैन ने 11 अगस्त को सभी राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा था कि “अब, अगर आपको लगता है कि आप बाजार पर नियंत्रण कर लेंगे और जबरन वसूली का सहारा लेंगे, तो आप आगे बढ़ सकते हैं और कुछ समय के लिए ऐसा कर सकते हैं, लेकिन मैंने सेना प्रमुख से अनुरोध किया है कि आपकी टांगे तोड़ दें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, आप भाड़ में जाएं.”
सखावत हुसैन के इस बयान के बाद छात्र संगठन भड़क गए थे. सखावत के बयान के बाद बीएनपी और उसके तीन सहयोगी निकायों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी.