पूरे 25 साल बाद पाकिस्तानी सेना ने कबूल किया है कि उसके सैनिकों ने कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया था. ये कबूलनामा खुद पाक सेना के प्रमुख असीम मुनीर ने किया है. एक संबोधन के दौरान असीम मुनीर ने माना कि कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के सैनिकों की जान गई थी.
पाकिस्तानी सेना और सरकार आज तक इस बात को नकारती रही है कारगिल युद्ध से उसका कोई लेना देना है. पाकिस्तानी सेना कहती आई है कि कारगिल में घुसपैठ पाकिस्तानी सैनिकों ने नहीं बल्कि मुजाहिदों ने की थी यानी कश्मीर की आजादी के लिए लड़ने वाले लड़ाकों ने.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हाल ही में हालांकि, ये बात कबूल की थी कि कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना और सरकार को मुंह की खानी पड़ी थी. लेकिन नवाज शरीफ हो या पाकिस्तानी सेना को कोई जनरल सभी ने सत्ता से बाहर रहने और रिटायरमेंट के बाद ये कबूली थी. सत्ता के दौरान या फिर किसी कार्यरत मिलिट्री कमांडर ने कारगिल में पाकिस्तानी सेना और सरकार के हाथ को कबूल नहीं किया है. लेकिन कारगिल युद्ध के 25 साल बाद आखिरकार मुनीर के मुंह से सच बयां हो ही गया है.
शुक्रवार को एक सैन्य कार्यक्रम के दौरान असीम मुनीर पाकिस्तानी सैनिकों की शहादत (जंग के दौरान मौत) का जिक्र कर रहे थे. इसी दौरान मुनीर ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने चाहे 1948 का युद्ध हो या फिर 1965, 1971 हो या कारगिल युद्ध, सभी में अपनी बहादुरी का परिचय दिया है और शहादत दी है. (https://x.com/ImtiazMadmood/status/1832372890525741162)
वर्ष 1999 की सर्दियों में कारगिल में पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों की मदद से भारतीय सेना द्वारा खाली चौकियों पर कब्जा कर लिया था. इन चौकियों को खाली कराने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय छेड़ा था. करीब तीन महीने तक चले इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने बेहद पराक्रम से लड़ते हुए पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया था और अपनी चौकियों पर वापस अधिकार जमा लिया था. लेकिन जंग के दौरान भारतीय सेना के 547 सैनिक (और अधिकारी) वीरगति को प्राप्त हुए थे.
कारगिल जंग के दौरान बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिक और पाक सेना द्वारा समर्थित आतंकियों को ढेर किया गया था. लेकिन पाकिस्तानी सेना ने कभी भी अपने सैनिकों के शवों को वापस नहीं लिया था. ऐसे में भारतीय सेना ने पूरे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ पाकिस्तानी सैनिकों के शव का अंतिम-संस्कार किया था.
इसी साल 26 जुलाई को देश ने कारगिल युद्ध में मिली विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाई थी. इस दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कारगिल स्थित वार-मेमोरियल पहुंचे थे और वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी. पीएम मोदी ने कारगिल से ही पाकिस्तान को एक बार फिर भारत के खिलाफ आतंकियों के जरिए छद्म युद्ध छेड़ने की हरकतों से बाज आने की नसीहत दी थी.
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कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तानी सेना का कबूलनामा
- by Neeraj Rajput
- September 7, 2024
- Less than a minute
- 4 months ago