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मणिपुर की इंटेलिजेंस रिपोर्ट से सेना बेखबर, CM ऑफिस से मांगी जानकारी

क्या मणिपुर में सेना और सरकार के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. ये सवाल इसलिए क्योंकि, सेना की स्थानीय कोर ने ‘एक्स’ अकाउंट पर म्यांमार से कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ की एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री के सुरक्षा सलाहकार से जानकारी मांगी है. इस खुफिया रिपोर्ट में म्यांमार से मणिपुर में 900 कुकी उग्रवादियों के घुसपैठ की सूचना दी गई थी. ऐसे में सवाल लाजमी है कि इस खुफिया रिपोर्ट को सेना से साझा क्यों नहीं किया गया.

मणिपुर में म्यांमार से उग्रवादियों की घुसपैठ को लेकर सेना और राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच कम्युनिकेशन-गैप दिखाई पड़ रहा है. ऐसा इसलिए, क्योंकि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के सुरक्षा सलाहकार के इस बयान पर कि म्यांमार से 900 कुकी उग्रवादियों राज्य में दाखिल हो गए हैं, भारतीय सेना की दीमापुर स्थित ‘स्पीयर कोर’ ने रिपोर्ट पर हैरानी जताई और अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिख दिया है कि इस बाबत “सुरक्षा सलाहकार से जानकारी मांगी गई है.” हालांकि, बाद में कोर ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी.

दरअसल, कुछ दिनों पहले एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि “म्यांमार से 900 कुकी मणिपुर में घुसपैठ कर गए हैं.” ये सभी कुकी उग्रवादी ड्रोन से बम गिराने, रॉकेट दागने और जंगल वारफेयर में माहिर बताए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया था कि ये सभी कुकी उग्रवादी 30-30 के ग्रुप में भारत-म्यांमार सीमा पर ऑपरेट कर रहे हैं.

इस खुफिया रिपोर्ट के बारे में जब मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के सुरक्षा सलाहकार, कुलदीप सिंह से पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ये ‘100 प्रतिशत’ सही है. इस रिपोर्ट को म्यांमार बॉर्डर से सटे सभी जिलों के एसपी से साझा किया गया है. साथ ही असम राइफल्स से भी साझा करने की बात कही गई थी.

कुलदीप सिंह के इस बयान पर सेना की दीमापुर स्थित स्पियर कोर (3 कोर) ने मीडिया रिपोर्ट्स के साथ लिखा कि “इन इनपुट का सुरक्षा पर भारी असर होगा. ऐसे में सिक्योरिटी एडवाइजर के दफ्तर से जानकारी साझा करने की गुजारिश की गई है ताकि जरूरी कार्रवाई जल्द से जल्द से की जाए.”

कुलदीप सिंह को मणिपुर हिंसा भड़कने के बाद मुख्यमंत्री का सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था. वे सीआरपीएफ के डीजी के पद से रिटायर हुए थे.

हालांकि, सेना और राज्य प्रशासन के बीच विवाद ये कोई पहला मामला नहीं है. मणिपुर हिंसा के दौरान कई बार असम राइफल्स और राज्य पुलिस के भिड़ने के वीडियो भी सामने आए थे.

राज्य में यूनिफाइड कमांड यानी सेना, असम राइफल्स, सीआरपीएफ और पुलिस की साझा कमांड के नेतृत्व को लेकर भी मामला उछलता रहा है.



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