मिजोरम के ऊर्जा मंत्री और असम राइफल्स के बीच हुई कहासुनी में नया मोड़ आ गया है. मिजोरम में असम राइफल्स की चौकियों की पावर सप्लाई काट दी गई है जिससे पैरामिलिट्री फोर्स के ऑपरेशन्स में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. माना जा रहा है कि ऊर्जा मंत्री की कार के काफिले को सुरक्षा-जांच के लिए रोकने पर ये बवाल खड़ा हुआ है.
असम राइफल्स के मुताबिक, मिजोरम के ऊर्जा मंत्री पू एफ रोडिंग्लियाना के काफिले को मोबाइल चेक पोस्ट पर नहीं रोका गया था. असम राइफल्स के मुताबिक, काफिले में मौजूद मंत्री के सचिव और स्टाफ ने जानबूझकर ड्यूटी पर तैनात सैनिकों से उलझने के लिए अपनी कार रोकी थी. इसके बाद मंत्री के स्टाफ ने असम राइफल्स के जवानों से बदतमीजी की और गौ बैक टू इंडिया तक के नारे लगाए.
दरअसल, मिजोरम के मंत्री और असम राइफल्स के बीच टकराव पिछले हफ्ते शुरू हुआ. 12 अक्टूबर को कोवलाम में रोडिंग्लियाना ने अपने काफिले को रोकने का आरोप लगाते हुए एक जवान को अगवा कर लिया था. शराब के नशे में होने का आरोप लगाते हुए मंत्री का स्टाफ, जवान को करीब के एक गांव में ले गए थे. स्थानीय कमांडर के हस्तक्षेप के बाद ही मंत्री के स्टाफ ने जवान को छोड़ दिया था.
असम राइफल्स ने मंत्री और स्थानीय मीडिया के उन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है कि जवान नशे की गिरफ्त में था. असम राइफल्स ने उल्टा मंत्री के स्टाफ पर काम में बाधा डालने का आरोप लगाया है.
17 अक्टूबर यानी गुरुवार को असम राइफल्स के जवानों ने मिजोरम की राजधानी आइजोल के बाहरी जोखावसांग में एक मोबाइल चेक पोस्ट स्थापित किया था. असम राइफल्स को सड़क-मार्ग से हथियारों की खेप की स्मगलिंग की खबर लगी थी.
असम राइफल्स के मुताबिक, इसी दौरान मंत्री रोडिंग्लियाना की चार कारों का काफिला सड़क पर पहुंचा. मंत्री के प्रोटोकॉल के तहत रोडिंग्लियाना की कार को बिना सुरक्षा-जांच के वहां से जाने दिया. लेकिन मंत्री का स्टाफ सड़क के बीचो-बीच रोक गया और वहां तैनात असम राइफल्स के जवानों से बदसलूकी करने लगा. असम राइफल्स ने मंत्री के सचिव पर अपनी जैकेट निकाल कर बेहद आक्रामक व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1847524297700511761)
असम राइफल्स ने साफ तौर से मंत्री के आरोपों को खारिज किया है कि काफिले को जबरदस्ती रोका गया. इस बाबत सोशल मीडिया पर मंत्री के स्टाफ के असम राइफल्स के जवानों से बदसलूकी के वीडियो भी सामने आए हैं.
मिजोरम की मीडिया के हवाले से ऐसी खबरें आई है कि जब राज्य में आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट यानी अफस्पा नहीं है तो असम राइफल्स के जवान सड़कों पर क्यों तैनात है, पैरा-मिलिट्री ने सफाई पेश की है. असम राइफल्स ने साफ किया कि पैरा-मिलिट्री फोर्स की तैनाती म्यांमार से सटी 510 किलोमीटर लंबे बॉर्डर की है. इसके अलावा एनडीपीएस एक्ट के तहत असम राइफल्स को राज्य में ड्रग्स की स्मगलिंग रोकने की जिम्मेदारी दी गई है.
असम राइफल्स के आकंड़ों की मानें तो इस साल अब तक 130 अलग-अलग ऑपरेशन्स में म्यांमार सीमा और राज्य में 690 करोड़ की नारकोटिक्स ड्रग्स पकड़ी जा चुकी है. म्यांमार सीमा से सटा होने के कारण राज्य में इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट सहित गैर-कानूनी हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई का रूट भी है.
असम राइफल्स ने साफ कहा कि पैरा-मिलिट्री फोर्स की जिम्मेदारी राज्य और राष्ट्र, दोनों की सुरक्षा की है. असम राइफल्स ने दावा किया है कि कई दशक से राज्य सरकार के साथ सामंज्यपूर्ण संबंधों के चलते ही ऑपरेशन्स किए गए हैं और बड़ी संख्या में हथियार और ड्रग्स की खेप जब्त की गई है. साथ ही स्थानीय जनता को कम से कम असुविधा के साथ ऑपरेशन्स को अंजाम दिया जाता है.
असम राइफल्स ने मंत्री रोडिंग्लियाना पर मनगढ़ंत नैरेटिव बनाने को लेकर तीखी आलोचना की है, जिससे पैरा-मिलिट्री फोर्स की छवि को खराब किया जा सके. साथ ही चेक पोस्ट की घटनाओं के बाद असम राइफल्स की चौकियों पर पावर सप्लाई बाधित करने को लेकर भी चिंता जताई है जिसके कारण ऑपरेशन्स पर असर पड़ रहा है.
इस मामले पर मिजोरम के मंत्री या फिर सरकार का पक्ष प्राप्त नहीं हुआ है.