कनाडा के बाद अब बांग्लादेश की यूनुस सरकार भारत के साथ रिश्ते खराब करने पर तुल गई है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ऐलान किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत से वापस बांग्लादेश लाने के लिए इंटरपोल की मदद ली जाएगी. क्योंकि यूनुस सरकार शेख हसीना और दूसरे नेताओं पर मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के लिए मुकदमा चलाने के तैयारी में है.
शेख हसीना और उनकी पार्टी के कई नेताओं पर छात्र आंदोलन को दबाने का आदेश देने का आरोप है, वहीं इन प्रदर्शनों में कई लोगों की मौत हुई थी. 5 अगस्त को शेख हसीना भागकर दिल्ली आ गई थीं.
शेख हसीना को गिरफ्तार करना चाहती है यूनुस सरकार
अगस्त से लेकर अक्टूबर के शेख हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ बांग्लादेश में मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार की 60 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई गईं. मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की सरकार के मुताबिक, विरोध प्रदर्शनों के दौरान 700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, हजारों लोग घायल हुए थे.
यूनुस सरकार ने इन अपराधों को मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार बताया है.बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपने ताजा बयान में कहा है कि “पूर्व पीएम शेख हसीना और दूसरे भगोड़ों को वापस लाने के लिए इंटरपोल की मदद मांगेंगे.”
कानून मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने कहा, “बहुत जल्द ही इंटरपोल के जरिए एक रेड नोटिस जारी किया जाएगा. चाहे ये भगोड़े फासीवादी दुनिया में कहीं भी छिपे हों, उन्हें वापस लाया जाएगा और अदालत में जवाबदेह ठहराया जाएगा.”
क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस?
रेड कॉर्नर नोटिस अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं बल्कि 196 कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक वैश्विक अनुरोध है कि वे प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लंबित रहने तक व्यक्ति का पता लगाएं और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करें. इंटरपोल के सदस्य देश अपने राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार रेड नोटिस लागू करते हैं और तय करते हैं कि व्यक्ति को गिरफ्तार करना है कि नहीं.
बांग्लादेश की नई सरकार में बगावत?
अंतरिम सरकार के तीन नए सलाहकारों ने रविवार शाम ढाका स्थित बंगभवन में शपथ ली, जबकि कई सलाहकारों के विभागों में फेरबदल किया गया. इन्हीं सलाहकारों की नियुक्ति के बाद बांग्लादेश में बगावत के सुर उठने लगे हैं. जिन नए सलाहकारों ने शपथ ली है, उनमें व्यवसायी एस के बशीरुद्दीन, फिल्म निर्माता मुस्तफा सरवर फारूकी और मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक महफूज आलम शामिल हैं. इस नई नियुक्ति के बाद अंतरिम सरकार के सलाहकारों की संख्या अब 24 हो गई है, जिसमें मुख्य सलाहकार भी शामिल हैं.
सरकार विरोधी प्रदर्शनों के आयोजकों में से एक सरजिस आलम ने नए सलाहकारों के चयन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि “गिरी हुई सरकार के चापलूसों को भी अंतरिम सरकार के सलाहकार परिषद में जगह मिल रही है.” सरजिस ने अपने फेसबुक पर लिखा, “सिर्फ एक डिवीजन से 13 सलाहकार! लेकिन उत्तर बंगाल के रंगपुर और राजशाही डिवीजनों के 16 जिलों से एक भी सलाहकार नहीं है! इसके अलावा, हत्यारी हसीना के गुर्गे भी सलाहकार बन रहे हैं.” सरजिस की ये पोस्ट बांग्लादेश में जबरदस्त वायरल हो रही है, तो वहीं यूनुस सरकार पर भेदभाव के आरोप लगने लगे हैं.
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