भारत ने आखिर हाइपरसोनिक मिसाइल बनाकर तैयार कर ली है. शनिवार देर रात, डीआरडीओ ने ओडिशा के तट से 1500 किलोमीटर से भी दूर मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल फ्लाइट ट्रायल किया है. इसके साथ ही भारत अब रूस और चीन जैसे देशों के क्लब में शामिल हो गया है जिनके आयुध में एक लंबे समय से आवाज की गति से पांच गुना तेज रफ्तार स्पीड वाली मिसाइल हैं.
दो महीने पहले ही टीएफए ने बताया था कि जल्द ही हाइपरसोनिक मिसाइल भारतीय सेना की तोपखाने का हिस्सा बनने जा रही है. हाइपरसोनिक मिसाइल की स्पीड मैक-5 यानी आवाज की गति से पांच गुना ज्यादा से लेकर मैक-25 तक होती है. इस मिसाइल को दुश्मन की रडार या फिर एयर-डिफेंस सिस्टम भी डिटेक्ट करने में नाकाम रहती हैं.
रक्षा मंत्रालय ने हाइपरसोनिक मिसाइल के फ्लाइट ट्रायल की आधिकारिक जानकारी देते हुए रविवार को एक संक्षिप्त बयान जारी किया. बयान में बताया गया कि शनिवार को “ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड के तट से पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल फ्लाइट ट्रायल किया गया है.”
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस “हाइपरसोनिक मिसाइल को 1500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक कई तरह के पेलोड के साथ मारने के लिए तैयार किया गया है.” जानकारी के मुताबिक, सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना इस हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल कर सकेंगी और ये पारंपरिक और न्यूक्लियर, दोनों तरह के पेलोड ले जाने में सक्षम है. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1857985234857325053)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्लाइट-ट्रायल को ‘ऐतिहासिक उपलब्धि’ बताते हुए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ), आर्म्ड फोर्सेज और डिफेंस इंड्रस्टी को बधाई दी है. राजनाथ सिंह ने कहा कि इस ट्रायल से “भारत उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शुमार हो गया है जिनके पास ऐसी बेहद खास एडवांस मिलिट्री टेक्नोलॉजी है.”
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार के ट्रायल के दौरान मिसाइल को रेंज के लिए ट्रैक किया गया. इस दौरान बंगाल की खाड़ी में तैनात शिप-स्टेशन से ‘फ्लाइट डाटा’ ने मिसाइल का मैन्यवुर और सटीकता को कंफर्म किया.
देश की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल को डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्पलेक्स, हैदराबाद और डीआरडीओ की दूसरी लैब की मदद से तैयार किया गया है. टेस्ट के दौरान डीआरडीओ के वैज्ञानिक और सशस्त्र सेनाओं के सैन्य अफसरों की मौजूदगी में किया गया.
हाल ही में यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर हाइपरसोनिक दागकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था. रूस ने भी यूक्रेन के खिलाफ हाइपरसोनिक ‘किंझल’ मिसाइल का इस्तेमाल किया है. रूस ने मिग-31 फाइटर जेट से इस किंझल मिसाइल को लॉन्च किया था. हाल ही में अमेरिका ने भी हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा किया था. (लॉकहीड मार्टिन ने तैयार की हाइपरसोनिक मिसाइल, Mako से लैस होंगे अमेरिका के सभी फाइटर जेट)
चीन के पास ‘डीएफ-17’ हाइपरसोनिक मिसाइल है जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. इस मिसाइल की स्पीड मैक5-मैक10 के बीच है. इसके अलावा चीन के जंगी बेडे में ‘वाईजे-21’ एंटी शिप हाइपरसोनिक मिसाइल भी है. (भारत की हाइपरसोनिक मिसाइल जल्द होगी रॉकेट फोर्स का हिस्सा)
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हाइपरसोनिक मिसाइल का पहला ट्रायल सफल, चीन से बराबरी का मुकाबला
- by Neeraj Rajput
- November 17, 2024
- Less than a minute
- 13 hours ago