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UN इतिहास का सबसे खतरनाक वर्ष, 281 वर्कर्स की गई जान

रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास जंग में हजारों लोगों के जान गंवाने के साथ ही ये साल संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के लिए भी इतिहास का सबसे खूनी वर्ष साबित हुआ है. इस साल जंग के अलग-अलग मैदान में यूएन के 280 वर्कर्स की मौत हो गई है. खुद यूएन ने ये आंकड़ा जारी किया है.

यूएन के मुताबिक, मानवीय राहत और बचाव कार्यों में लगे संयुक्त राष्ट्र स्टाफ की सबसे ज्यादा हानि इजरायल-हमास की जंग में हुई है.

पिछले साल 7 अक्टूबर (2023) से यानी जब से इजरायल-हमास युद्ध हुआ है, तब से लेकर अब तक 333 कर्मियों की जान गई है. इनमें से अधिकतर यूएन रिलीफ एंड वर्क एजेंसी फॉर फिलिस्तीन रिफ्यूजी (यूएनआरडब्लूए) का स्टाफ था. नवंबर के महीने में ही अब तक यूएन के 10 कर्मियों की मौत गाजा में हो चुकी है. (https://x.com/UNOCHA/status/1859961453966475764)

जानकारी के मुताबिक, जिन 281 यूएन कर्मचारियों की इस साल दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रही जंग और सिविल-वॉर में जान गई है, उनमें 268 नेशनल स्टाफ था यानी जिस देश में जंग चल रही है, वहां के नागरिक. बाकी 13 कर्मचारी विदेशी नागरिक थे.

इसी साल मई के महीने में भारतीय सेना के एक रिटायर्ड कर्नल अनिल काले की भी गाजा में जान चली गई थी. वे संयुक्त राष्ट्र के लिए ऑब्जर्वर के तौर पर काम करते थे. वे राफा के एक अस्पताल में हुए हमले का आकलन करने जा रहे थे. उसी दौरान टैंक का एक गोला उनकी गाड़ी पर आकर गिरा, जिसके कारण रणभूमि में वे वीरगति को प्राप्त हो गए थे.

गाजा के अलावा यूक्रेन, सूडान, लेबनान, यमन और अफगानिस्तान सहित एक दर्जन से भी ज्यादा युद्ध और संघर्ष इस वक्त पूरी दुनिया में चल रहे हैं. यूएन के आंकड़ों की मानें तो इस साल इन अलग-अलग जंग में करीब 33 हजार आम नागरिकों की जान जा चुकी है (सैनिकों की संख्या अलग है). ये आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 72 प्रतिशत ज्यादा है. इसका कारण गाजा में इजरायल द्वारा हमास के खिलाफ छेड़ा गया युद्ध है.

यूएन के मुताबिक, जंग के मैदान में जान जोखिम डालकर संयुक्त राष्ट्र का स्टाफ मानवीय सहायता पहुंचाने की कोशिश करता है. इसके बावजूद स्टाफ को हिंसा, प्रताड़ना, हिरासत और अपहरण जैसी चुनौतियां का भी सामना करना पड़ता है.  

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 26 नवंबर को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में एक प्रस्ताव पास किया जाएगा जिसमें यूएन स्टाफ को सुरक्षा प्रदान करने के सुझाव पेश किए जाएंगे.

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