दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाने वाले राष्ट्रपति यून सूक योल को बर्खास्त कर दिया गया है. कोरियाई नेशनल असंबेली (संसद) के यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को पारित करने के साथ ही बर्खास्त कर दिया गया है.
यून ने हालांकि, प्रधानमंत्री हन डक सो को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया है लेकिन साफ कहा है कि वो अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे. क्योंकि संसद के महाभियोग के बाद अब मामला कोरिया की संवैधानिक-न्यायालय के पास चला गया है. अगले छह महीने के भीतर न्यायालय, महाभियोग प्रस्ताव पर अपना फैसला सुनाएगी.
अगर न्यायालय, महाभियोग प्रस्ताव पर मुहर लगा देती है तो देश में आम चुनाव फिर से कराए जाएंगे. राष्ट्रपति बनने से पहले यून सरकारी वकील थे. ऐसे में अदालत में यून अपना पक्ष मजबूती से रख सकते हैं.
इसी महीने की तीन तारीख (3 दिसंबर) को यून ने दक्षिण कोरिया में छह घंटे के लिए मार्शल लॉ लागू कर दिया था. संसद के विरोध और सड़क पर उतरी जनता के जबर्दस्त विरोध-प्रदर्शन के बाद यून ने अपना फैसला जरूर बदल दिया था लेकिन विपक्षी पार्टी महाभियोग पर अड़ी थी.
ऐसे में महाभियोग पर जब पहली बार 12 दिसंबर को वोटिंग हुई थी तो विपक्ष के पास जरूरी मत नहीं थे और प्रस्ताव गिर गया था. यून ने देश से टीवी पर माफी भी मांगी थी. विपक्षी पार्टियां फिर भी इस्तीफे पर अड़ी थी. यून ने इस्तीफा नहीं दिया तो विपक्ष फिर से संसद में महाभियोग प्रस्ताव लेकर आ गया.
शनिवार को महाभियोग प्रस्ताव के दौरान यून की सत्तारूढ़ पार्टी के कम से कम 12 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा लिया, जिसके चलते विपक्ष कामयाब हो गया. संसद में जरूरी वोट मिलते ही महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया और यून को देश के राष्ट्रपति पद से बर्खास्त कर दिया गया.
दक्षिण कोरिया के इतिहास में ये दूसरी बार है कि किसी राष्ट्रपति को महाभियोग के बाद बर्खास्त किया गया है. इससे पहले वर्ष 2017 में पार्क गुयेन हुए को भी भ्रष्टाचार के आरोप में संसद में महाभियोग का सामना करना पड़ा था. गुयेन को राष्ट्रपति पद पर रहते हुए ही भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था.
मौजूदा (बर्खास्त) राष्ट्रपति यून पर भी विपक्षी पार्टियां भ्रष्टाचार के आरोप लगाता रहा है. यून की पत्नी पर राष्ट्रपति दफ्तर में दखलंदाजी और सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए घूस लेने जैसे गंभीर आरोप लगते रहे हैं. यून पर भी चुंगम-स्कूल के अपने चुनिंदा साथियों के जरिए सरकार चलाने के आरोप लगते रहे हैं. (बीवी के Dior पर्स के लिए मार्शल-लॉ, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति बुरे फंसे)
दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाने की सलाह देने वाले (पूर्व) रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून भी यून के साथ राजधानी सियोल के मशहूर चुंगम स्कूल के पास-आउट हैं. मार्शल लॉ की सलाह देने के चलते किम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और फिलहाल पुलिस कस्टडी में हैं.
3 दिसंबर को जब यून ने देश में मार्शल लॉ लगाया था, तब विपक्ष को देश-विरोधी एजेंडे और (पड़ोसी और दुश्मन देश) उत्तर कोरिया के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था.