कम गहराई वाले समंदर में एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्लू) के लिए कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड ने जंगी जहाज, मगदाला के निर्माण का कार्य शुरु कर दिया है. मंगलवार को नौसेना की दक्षिणी कमान के सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी में कोचीन शिपयार्ड में मगदाला क्राफ्ट की ‘कील-लेयिंग’ सेरेमनी का आयोजन किया गया.
भारतीय नौसेना के मुताबिक, मगदाला जहाज, पनडुब्बी रोधी उथले पानी में चलने वाले युद्धक पोत (एएसडब्लू एसडब्ल्यूसी) परियोजना का छठा जहाज (बीवाई 528, मगदाला) है.
इसी साल 24 सितंबर को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में चौथे और पांचवें एएसडब्लू एसडब्ल्यूसी युद्धपोतों के जलावतरण के कुछ ही महीनों के भीतर यह उपलब्धि भारतीय शिपयार्डों की ‘मेक इन इंडिया’ क्षमता को उजागर करती है.
रक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2019 को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के साथ आठ एएसडब्लू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण का अनुबंध किया गया था. ‘माहे’ श्रेणी के नाम से जाने जाने वाले इन पोतों को स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है. (https://x.com/indiannavy/status/1869052063491272987)
इन जहाज को अत्याधुनिक रूप से पानी के नीचे के सेंसरों से सुसज्जित किया जा रहा है और इनकी परिकल्पना समुद्री-तटों के करीब पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ-साथ कम तीव्रता वाले समुद्री अभियान (एलआईएमओ) तथा बारूदी सुरंग बिछाने के अभियान संचालित करने के लिए की गई है.
इस परियोजना के अंतर्गत पहला जहाज 2025 की शुरुआत में सौंप देने की योजना है. भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के अलावा, इन एएसडब्लू एसडब्ल्यूसी जहाजों पर लगने वाली उच्च स्तर की स्वदेशी सामग्री भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित कर रही है और भारतीय विनिर्माण इकाइयों की क्षमता में बढ़ोतरी कर रही है. (मिसाइल युद्धपोत की Steel-Cutting शुरू, कराची बंदरगाह के छूटे पसीने)
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समुद्री-तट पर नहीं फटकेगी दुश्मन की पनडुब्बी, कोचीन शिपयार्ड ने किया कमाल
- by Neeraj Rajput
- December 17, 2024
- Less than a minute
- 6 days ago