भारत के पास है आतंकियों के लॉन्च पैड का कालाचिट्ठा. भारत की खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान के गैर-कानूनी कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में उन टेरर लॉन्च पैंड्स की पहचान कर ली है, जहां पर पिछले कई सालों से आतंकियों को न सिर्फ ट्रेनिंग दी जा रही थी बल्कि एलओसी पर घुसपैठ करने से पहले लॉन्च-पैड पर रुकवाया जाता है.
जानकारी के मुताबिक, पीओके में पीर पंजाल रेंज के उत्तर में 10 टेरर लॉन्च पैड्स हैं, जबकि दक्षिण में 32 हैं. आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर को कश्मीर घाटी और जम्मू डिवीजन में ये पीर पंजाल रेंज ही बांटती हैं. पीर पंजाल के उत्तर में है उरी, बारामूला, केरन और कुपवाड़ा सेक्टर जबकि दक्षिण में है पुंछ-राजौरी, हमीरपुर, नौशेरा और अखनूर सेक्टर.
आतंकियों में हड़कंप, लॉन्च पैड से भाग रहे आतंकी
पीओके के 40 से ज्यादा लॉन्च पैड इन दिनों भारत के टारगेट पर हैं. क्योंकि भारत का मानना है कि यहीं पर लश्कर और जैश के आतंकियों के आकाओं ने रची है पहलगाम नरसंहार की स्क्रिप्ट. इन्हीं लॉन्च पैड से पाकिस्तानी आर्मी का पूर्व कमांडो हाशिम मूसा भेजा गया था. खुफिया सूत्रों के मुताबिक इन लॉन्च पैंड्स पर एक समय में 110-130 आतंकी मौजूद रहते हैं. नॉर्थ पीर पंजाल में 30-35 आतंकी रहते हैं. साउथ पीर पंजाल रेंज में करीब 100 आतंकी रहते हैं.
जैश, लश्कर और हिजबुल के लॉन्च पैंड्स एलओसी पर पाकिस्तानी सेना की चौकियों के बेहद करीब रहते हैं. युद्धविराम उल्लंघन और फायरिंग की आड़ में पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों को समय समय पर भारत की सीमा में घुसपैठ कराती रहती है.
हमास के आतंकियों ने इन्हीं लॉन्च पैड पर दी लश्कर, जैश को ट्रेनिंग
पंजाब के मुरीदके में है लश्कर ए तैयबा और बहावलपुर में है जैश ए मोहम्मद का हेडक्वार्टर. पहलगाम नरसंहार से पहले 18 अप्रैल को इसी बहावलपुर में हमास के आतंकियों का जैश के आतंकवादियों ने घुड़सवार की अगवानी के साथ स्वागत किया था. मुरीदके के अलावा लश्कर के ट्रेनिंग कैंप मंशेरा, मीरपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद और रावलकोट में हैं. इसी तरह जैश के ट्रेनिंग कैंप हैं मंशेरा, बालाकोट (खैबर पख्तूनख्वा), गढ़ी हबीबुल्ला और बत्रासी में. इसके अलावा कुछ आतंकी कैंप ऐसे हैं जहां लश्कर, जैश और हिजबुल्लाह के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है. ऐसे टेरर कैंप हैं बंदी-जुरा, गोहड़ी पतिका, पीर चिनासी, चिनारी, चकोटी, बाघ, हैदर, मंगला और भिंबर.
पीओके में है आईएसआई का कंट्रोल सेंटर
ये बात किसी से छिपी नहीं हैं कि इन आतंकियों को पूरी तरह से आईएसआई और पाकिस्तानी सेना का सपोर्ट है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई ने इन तीनों आतंकी संगठनों के बीच समन्वय के लिए पीओके की काली घाटी में एक कंट्रोल सेंटर भी बना रखा है. इस कंट्रोल सेंटर से पाकिस्तानी सेना से भी संपर्क बनाए रखने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. इसी तरह का एक कंट्रोल सेंटर गिलगित बाल्टिस्तान की हजीरा घाटी में भी आईएसआई ने बना रखा है.
सर्जिकल स्ट्राइक में तबाह हुए थे लॉन्च पैड, पाकिस्तानी आर्मी ने फिर लॉन्च पैड को बसाया
साल 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भारतीय सेना के पैरा-एसएफ कमांडो ने आतंकियों के कई लॉन्च पैड पर मौजूद आतंकियों को ढेर किया था. लेकिन धीरे-धीरे पाकिस्तानी सेना की मदद से आतंकी इन लॉन्च पैड पर इकट्ठा होना शुरु हो गए. जिन लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी, उनमें दुधनियाल, चेलाबंदी, तातापानी, कोटली और निकयाल शामिल थे. माना जा रहा है कि पहलगाम नरसंहार को अंजाम देने वाला पाकिस्तानी आतंकी हाशिम मूसा और उसके साथियों का ग्रुप साउथ पीर पंजाल रेंज से जम्मू कश्मीर में दाखिल हुआ था.
एक बार फिर से देश से उठ रही है कि आवाज कि आतंकियों का खात्मा हो. पीएम मोदी खुद कह चुके हैं कि अब समय आ गया है कि आतंकियों की बची खुची जमीन भी मिट्टी में मिला दी जाए.