तकरार के बीच मोदी-ट्रंप मुलाकात संभव, अगले महीने है UN बैठक’भारत और अमेरिका के रिश्तों में आई खटास के बीच अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात हो सकती है. सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक में शामिल होने के लिए पीएम मोदी न्यूयॉर्क में मौजूद रहेंगे. इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच मीटिंग कर व्यापार, ऑपरेशन सिंदूर से से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की जा सकती है.
सितंबर में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी, 26 सितंबर को भारत का होगा संबोधन
सूत्रों के मुताबिक सितंबर में यूएनजीए के वार्षिक उच्च स्तरीय सत्र में हिस्सा ले सकते हैं पीएम मोदी. 9 सितंबर से न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) का सत्र शुरु हो रहा है. उच्च-स्तरीय आम बहस 23 से 29 सितंबर तक चलेगी. यूएनजीए के वक्ताओं की सूची के मुताबिक, ब्राजील पारंपरिक रूप से सत्र का पहला वक्ता होगा, उसके बाद अमेरिका होगा. बताया जा रहा है कि ट्रंप 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा से विश्व के नेताओं को संबोधित करेंगे.
वक्ताओं की प्रारंभिक सूची के हिसाब से भारत, 26 सितंबर की सुबह सत्र को संबोधित करेगा. इजरायल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश भी उसी दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस को संबोधित करेंगे.
ट्रंप-मोदी की मुलाकात संभव, क्वाड में भारत आने का न्योता दे सकते हैं पीएम
बताया जा रहा है कि अमेरिका और भारत दोनों ही रिश्तों को पटरी पर लाना चाहते हैं. ट्रंप के टैरिफ के बाद भी भारत के सख्त रुख ने अमेरिका को झटका दिया है, जिसके बाद अमेरिका का रुख नरम पड़ा है. वहीं भारत की ओर से भी पाकिस्तान की ओर अमेरिकी झुकाव के कारण कूटनीतिक रिश्तों पर मजबूत करने की कोशिश होगी. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति ट्रंप को क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का निमंत्रण देंगे. क्वाड शिखर सम्मेलन अक्टूबर में प्रस्तावित है, जो भारत में होना है.
सीजफायर, टैरिफ, ट्रेड डील, रूसी करीबी कई मुद्दों को सुलझाने की जरूरत
- सीजफायर में क्रेडिट न मिलने से नाखुश हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप जब जनवरी के महीने में सत्ता में आए तो इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बाद पीएम मोदी दूसरे बड़े वैश्विक नेता थे, जिन्हें ट्रंप ने व्हाइट हाउस में आने का न्योता दिया था. हर मंच से ट्रंप खुद को पीएम मोदी का अच्छा मित्र बताते रहे हैं और पीएम मोदी की दूरदर्शिता और काम करने की नीति की तारीफ करते रहे हैं.
लेकिन पहलगाम नरसंहार के बाद भारतीय सेना के लॉन्च किए ऑपरेशन सिंदूर में जब पाकिस्तान को नुकसान पहुंचने लगा तो अमेरिका ने मध्यस्थता की कोशिश की, लेकिन भारत का साफ कहना था कि पाकिस्तान जब कहेगा तभी युद्धविराम होगा. यानी भारत को कोई तीसरा पक्ष नहीं चाहिए था. 10 मई को युद्धविराम हुआ, जिसकी घोषणा ट्रंप ने ये कहते हुए की उन्होंने सीजफायर करवाया था. लेकिन पीएम मोदी ने संसद में खड़े होकर ये कह दिया कि दुनिया के किसी नेता ने ऑपरेशन सिंदूर रोकने को नहीं कहा था.
- अमेरिकी टैरिफ के आगे नहीं झुका भारत
पीएम मोदी के बयान के कुछ ही घंटों बाद ट्रंप ने भारत पर रूस के साथ व्यापार करने पर 25 प्रतिशत को टैरिफ लगाया, और बाद में इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया. ट्रंप को लगा था कि दबाव काम आएगा, लेकिन भारत ने उल्टा अमेरिका की पोल खोल दी, कि अमेरिका भी रूस के साथ न्यूक्लियर फ्यूल समेत कई व्यापार करता है.
- भारत के साथ अपनी शर्तों पर ट्रेड डील नहीं करवा पाए ट्रंप
पिछले कुछ महीनों से भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील अधर में लटकी हुई है. टैरिफ छूट मिलने का बाद भी ट्रंप, भारत से और मांगें करने लगे. भारत में मिल्क और डेयरी प्लांट लगाने की बातें कहने लगे, लेकिन भारत ने कहा बस बहुत हुआ. अपने किसानों और दुग्ध किसानों का हक नहीं छीना जाएगा. ट्रेड करना है तो करिए. भारत, अमेरिका को इतना अधिकार नहीं दे सकता है.
- चीन-रूस के करीब जाते ट्रंप के सुर नरम पड़े
अमेरिकी एक्सपर्ट बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि ट्रंप ने भारत के साथ मजबूत रिश्तों पर पानी फेर दिया है. ऐसे में रूस के साथ भारत की करीबी पहले ही है, जबकि अमेरिका ने भारत को चीन के पास ला खड़ा किया है. अगर रूस-भारत-चीन एक मंच पर साथ आ गए तो अमेरिका के लिए मुश्किल हो सकती है.
- टैरिफ को टक्कर देने के लिए नया सहयोगी ढूंढ सकता है भारत
अमेरिका को आशंका है कि टैरिफ के आगे न झुकने वाला भारत, यूरोप में नए साझेदार ढूंढ सकता है, यानि भारत को यूरोपीय यूनियन जैसे नए साझेदारों के साथ नई ट्रेड डील पर फोकस कर सकता है. जिससे अमेरिका को फायदा नहीं, नुकसान होगा.
ऐसे में ये सारे मुद्दों को सुलझाने की आवश्यकता है. माना जा रहा है कि अगर ट्रंप-मोदी के बीच मुलाकात होती है, तो भारत-अमेरिका के रिश्तों में आई कड़वाहट को कम किया जा सकता है.
न्यूयॉर्क में जेलेंस्की से हो सकती है पीएम मोदी की मुलाकात
यूएनजीए से इतर पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच मीटिंग हो सकती है. जेलेंस्की ने हाल ही में पीएम मोदी से बात करने के बाद अपनी पोस्ट में कहा था कि वो सितंबर में पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा कई और वैश्विक नेताओं से पीएम मोदी मीटिंग कर सकते हैं. साथ ही पीएम मोदी अपने संबोधन में आतंकवाद के दोहरे मापदंडों पर एक बार फिर से दुनिया का ध्यान खींच सकते हैं.