अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 6-7 घंटे तक होने वाली बैठक, 3 घंटे से कम समय में खत्म हो गई. ना कोई सीजफायर हुआ और ना ही कोई डील. बैठक बेनतीजा रही. लगातार रूस को शांतिवार्ता फेल होने पर नतीजे भुगतने की धमकी देने वाले ट्रंप, पुतिन के सामने सरेंडर मोड में दिखे. वहीं पुतिन ने अगली मीटिंग के लिए ट्रंप को मास्को आने का न्योता दे दिया है.
ट्रंप और पुतिन में बातचीत फेल, किन-किन मुद्दों पर सहमति और असहमति
दुनिया को जिस मुलाकात का इंतजार था, खासकर यूक्रेन और यूरोप को, अलास्का में वो हाईलेवल बैठक हो गई. हालांकि युद्ध में शांति की जरूरत के बारे में पुतिन और ट्रंप दोनों ने ही बोला, लेकिन कोई फैसला नहीं होने से बैठक को एक्सपर्ट्स फेल बता रहे हैं. आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं कि ज्वाइंट प्रेसकॉन्फ्रेंस में पुतिन-ट्रंप ने क्या-क्या कहा.
- कुछ बड़े मुद्दे सुलझाने बाकी हैं: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि बैठक में कई बिंदुओं पर सहमति बनी है लेकिन कुछ प्वाइंट्स बचे हुए हैं, जिन्हें सुलझाना बचा हुआ है.
ट्रंप ने कहा, एक मुद्दा सबसे अहम है, पर मैं अभी उसे बताऊंगा नहीं. मैं जल्द ही जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से बात करुंगा.
- ईमानदारी से युद्ध खत्म करना चाहता हूं:पुतिन
पुतिन ने कहा, मैं युद्ध खत्म करना चाहता हूं, लेकिन संघर्ष के मुख्य कारणों पर बात करनी बेहद जरूरी है. जब तक युद्ध क्यों शुरु किया गया, ये नहीं सुलझेगा. युद्ध खत्म नहीं हो सकता.
- यूक्रेन यूरोप बातचीत को सबोटाज न करे: पुतिन
पुतिन ने एक बार फिर से यूक्रेन और नाटो पर निशाना साधा है. पुतिन ने कहा है कि यूरोप और यूक्रेन नहीं चाहते हैं कि युद्ध रुके. जानबूझकर शांति की बातचीत में गड़बड़ करने की कोशिश करते हैं.
- यूक्रेन के मौजूदा हालात के लिए जेलेंस्की जिम्मेदार:पुतिन
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के मौजूदा हालात के लिए जेलेंस्की जिम्मेदार हैं. मैं राष्ट्रपति ट्रंप से सहमत हूं और यूक्रेन की सुरक्षा पर भी विचार किया जाना चाहिए. उम्मीद है कि कीव इसे सकारात्मक रूप से लेगा.
- ट्रंप 2020 के बाद राष्ट्रपति होते तो युद्ध नहीं शुरु होता:पुतिन
पुतिन ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा. ये सच है कि अगर अमेरिका की सत्ता में ट्रंप होते, तो रूस-यूक्रेन युद्ध नहीं शुरु होता. ट्रंप एक स्पष्ट सोच रखने वाले नेता हैं, जो अपने देश की समृद्धि की चिंता करते हैं. आने वाले समय में रूस और अमेरिका के संबंध मजबूत होंगे, जो पिछले कुछ वर्षों में निचले स्तर पर हैं.
- मीटिंग बहुत उपयोगी रही, मॉस्को आऊंगा तो आलोचना होगी: ट्रंप
पुतिन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी बात रखी. ट्रंप ने रूसी समकक्ष को धन्यवाद देते हुए मीटिंग को उपयोगी बताया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने मॉस्को में आमंत्रित किए जाने पर प्रतिक्रिया दी. कहा, यह एक दिलचस्प है. इस पर मुझे थोड़ी आलोचना झेलनी पड़ेगी, लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा हो सकता है.
ट्रंप भले ही मीटिंग को सकारात्मक बता रहे हों. लेकिन अलास्का में पुतिन की बॉडी लैग्वेज बहुत कुछ कह रही थी. हमेशा प्रेसकॉन्फ्रेंस में हावी रहने वाले डोनाल्ड ट्रंप 3 मिनट से कम बोले, किसी पत्रकार के सवालों तक का जवाब नहीं दिया.
बताया जा रहा है कि रूस ने ट्रंप के सामने सीधे सीधे कह दिया है कि यूक्रेन से जंग उनकी शर्तों पर रुके. रूस एक इंच भी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है. रूस की मांग है कि यूक्रेन नाटो से दूर रहे. साथ ही, पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए सभी प्रतिबंध हटाए जाएं और जब्त की गई रूसी संपत्तियां लौटाई जाएं.