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यूएन मीटिंग की सुरक्षा में सेंध? न्यूयॉर्क में संदिग्ध फोन सर्वर से एक लाख सिम जब्त

By Nalini Tewari

न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के हेडक्वार्टर के बेहद करीब अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने 300 से अधिक गैर-कानूनी सिम सर्वर्स और एक लाख से अधिक संदिग्ध सिम कार्ड्स जब्त किए हैं.

खुलासा हुआ है कि इन अवांछित सर्वर्स के जरिए एक मिनट में 3 करोड़ मैसेज जनरेट किया जा सकते थे, जो आपातकालीन सर्विस को ब्लॉक कर सकते थे. ये सिम-कार्ड जासूसी और इन्क्रिप्टेड मैसेज के जरिए तबाही मचा सकते थे.

यूएनजीए को लेकर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां बेहद चौकन्नी हैं. सीक्रेट सर्विस कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहती है, क्योंकि न्यूयॉर्क में लगभग 200 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, वरिष्ठ मंत्री और राजनयिक मौजूद हैं. 

यूएन महासभा में जासूसों का जाल, सीक्रेट सर्विस का एक्शन

सीक्रेट सर्विस के मुताबिक,  इन सर्वर का इस्तेमाल यूएन महासभा में आने वाले राष्ट्राध्यक्षों पर नजर रखने, जासूसी करने या फिर गड़बड़ी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था. लेकिन एक सीक्रेट अभियान के तहत अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए विश्व नेताओं के पहुंचने से पहले ही खतरे को समाप्त कर दिया.

अमेरिका की सीक्रेट सर्विस के मुताबिक, कुछ खास देशों के अपराधी, इस सिस्टम का इस्तेमाल संगठित अपराध समूहों, कार्टेल और आतंकवादी संगठनों को एन्क्रिप्टेड संदेश भेजने के लिए करते थे. हालांकि सीक्रेट सर्विस ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि जिस नेटवर्क को ध्वस्त किया गया है, वो किस देश के लिए काम करते थे. 

अलमारी में भरे मिले सिम, 1 मिनट में 3 करोड़ मैसेज भेजने की थी क्षमता

बताया जा रहा है कि जब अमेरिकी एजेंसी ने खुफिया जानकारी के आधार पर ये ऑपरेशन शुरु किया. जब एजेंट साइट पर पहुँचे, तो उन्हें सर्वरों की कतारें और सिम कार्डों से भरी अलमारियां मिलीं. 

जांचकर्ताओं ने मुताबिक 1 लाख से अधिक सिम कार्ड पहले से ही सक्रिय थे, लेकिन बड़ी संख्या में सिम कार्ड्स का इस्तेमाल किया जाना था. इतने सिम और सर्वर्स के लिए इन्हें अच्छे खासे पैसे दिए गए थे, क्योंकि जो सिम और हार्डवेयर को नष्ट किया गया है, उनकी लागत लाखों डॉलर थी.   

यूएस अधिकारियों के मुताबिक, अगर इस ऑपरेशन को सही समय पर अंजाम नहीं दिया जाता तो यूएन की बैठक के दौरान प्रोपेगेंडा, जासूसी और आतंकी गतिविधियों तक को अंजाम दिया जा सकता था. जो सर्वर ध्वस्त किए गए हैं, वो एक मिनट में 3 करोड़ टेक्स्ट मैसेज भेजने की क्षमता रखते थे. अगर नेटवर्क ध्वस्त नहीं किया जाता सुरक्षा को नुकसान पहुंच सकता था, क्योंकि एक मिनट में 3 करोड़ टेक्स्ट मैसेज जनरेट करके सेल टावर्स को जाम कर सकता था और अमेरिका की आपातकालीन कॉल्स को ब्लॉक कर सकता था. अपराधी या जासूस इन्क्रिप्टेड मैसेज और सीक्रेट मैसेज एक दूसरे को दे सकते थे.

कुछ दिनों से न्यूयॉर्क में हो रही थीं असमान्य गतिविधियां

अमेरिकी एजेंसियों के मुताबिक ये जांच अचानक से नहीं की गई है. सीक्रेट सर्विस की एडवांस्ड थ्रेट इंटरडिक्शन यूनिट को पिछले कुछ दिनों से ये सूचना मिल रही थी कि मैनहट्टन, जहां यूएन मुख्यालय है उसके आसपास कुछ असामान्य गतिविधियां चल रही हैं, जो दूरसंचार प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकती हैं. जिसके बाद सीक्रेट एजेंसी के एजेंट्स ने खाली अपार्टमेंट और गुप्त स्थानों में स्थित छिपे हुए सर्वरों का पता लगाया. 

मार्को रुबियो समेत कई बड़े अधिकारियों को मिले थे गुमनाम मैसेज

कुछ महीने पहले अज्ञात लोगों ने अमेरिकी व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ सूसी वाइल्स और विदेश मंत्री मार्को रुबियो का रूप धारण कर गुमनाम कॉल और संदेश भेजे थे. जून में ऐसे ही एक मामले में रुबियो के नाम से सिग्नल अकाउंट बनाकर तीन विदेशी मंत्रियों, एक अमेरिकी गवर्नर और एक कांग्रेस सदस्य से संपर्क साधा गया था. लेकिन ये जांच की जा रही है कि क्या यही नेटवर्क उन मैसेज के पीछे था या कोई और ग्रुप है.

माना जा रहा है जल्द ही इस बात का खुलासा किया जा सकता है कि ये सब करने के पीछे कौन देश था और इस ग्रुप को फंडिंग कौन करता था. 

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