हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए मार्क-1ए प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी कंपनी जीई कंपनी से 113 एविएशन इंजन का करार किया है. करीब एक बिलियन डॉलर (करीब 8800 करोड़) की इस डील के जरिए एचएएल को वर्ष 2027 से इन इंजन की डिलीवरी मिलनी शुरू होगी.
पिछले महीने ही नासिक में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के एडवांस वर्जन मार्क-1ए की पहली फ्लाइट आयोजित की गई थी. इससे पहले सितंबर के महीने में रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ वायुसेना के लिए 97 अतिरिक्त मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का करार किया था. ऐसे में इन 97 लड़ाकू विमानों के लिए एचएएल ने जीई कंपनी से इन 113 एफ-404 (जीई-आईएन20) इंजन का एग्रीमेंट किया है.
जीई कंपनी से शुरु हो चुकी है एविएशन इंजन की सप्लाई
इस वर्ष जीई कंपनी से एचएएल को चार (04) एफ-404 इंजन की सप्लाई हो चुकी है. ये इंजन, वर्ष 2021 में किए गए 99 एविएशन इंजन का हिस्सा हैं. ये 99 इंजन, वायुसेना के लिए 83 मार्क-1ए फाइटर जेट के लिए हैं, जिनका करार रक्षा मंत्रालय ने 2021 में एचएएल से किया था.
अमेरिका ने भरोसा दिया है कि कि मार्च 2026 तक कुल 12 इंजन की सप्लाई की जाएगी. एचएएल का दावा है कि इंजन सप्लाई दुरुस्त होने से वायुसेना को इस साल (मार्च 2026) तक 10 लड़ाकू विमानों की सप्लाई हो सकती है.
मिग-21 के रिटायर के बाद एलसीए मार्क-1ए के निर्माण में तेजी की दरकार
वायुसेना के पुराने पड़ चुके मिग-21 फाइटर जेट भी हाल में रिटायर हो चुके हैं. ऐसे में वायुसेना की स्क्वाड्रन की कमी इन मार्क-1ए से पूरी की जाएगी. नासिक में ही पिछले 60 वर्षों से ही एचएएल की फैसिलिटी में मिग-21 बनाए जाते थे. साथ ही रूस की मदद से सुखोई फाइटर जेट भी बनाए गए थे. ऐसे में एचएएल ने नासिक में मार्क-1ए फाइटर जेट के निर्माण की नई फैसिलिटी शुरू की है. ये फैसिलिटी, बेंगलुरु में पहले से दो अन्य फैसिलिटी से अलग हैं. (LCA Mk1A की पहली उड़ान, जल्द वायुसेना में)
खास बात है कि 113 एफ-404 इंजन के करार होते ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए भारत दौरे की घोषणा कर दी. माना जा रहा है कि अगले वर्ष (2026) में ये दौरा हो सकता है. हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने ऐसे किसी दौरे की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर की है. (भारत आने को आतुर ट्रंप, दौरे की घोषणा)

