एससीओ की बैठक से पहले एक बार फिर से दहल गया है पाकिस्तान. बलूचिस्तान में एक खदान में अंधाधुंध गोलीबारी में 20 लोगों की मौत हुई है जबकि कई लोग घायल हुए हैं. बंदूकधारियों ने उन लोगों को निशाना बनाया है जो खदानों में काम करते थे. हाल ही में ये दूसरा बड़ा हमला है. पिछले सप्ताह कराची एयरपोर्ट के पास चीनी नागरिकों पर फिदायीन हमला हुआ था.
घरों को घेरकर रॉकेट लॉन्चर से किया गया हमला
बंदूकधारियों ने शुक्रवार तड़के बलूचिस्तान के डुकी जिले में एक प्राइवेट कोयला खदान को निशाना बनाया. पहले तो मशीनों में आग लगा दी और फिर पास के आवासों पर धावा बोल दिया. पुलिस के मुताबिक, हमलावरों ने घरों को घेर लिया और फिर फायरिंग के अलावा ग्रेनेड और रॉकेट लांचर से हमला किया. मौके पर 20 लोगों की मौत हो गई जबकि सात (07) लोग हमले में घायल हुए हैं. पाकिस्तान पुलिस के मुताबिक, हमले में मारे गए लोग पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों के हैं.
चार दिनों में दूसरा बड़ा हमला, पाकिस्तान घिरा
पाकिस्तान में पिछले चार दिनों में दूसरा बड़ा हमला है. इससे पहले 6 अक्टूबर को देर रात कराची एयरपोर्ट के पास चीनी नागरिकों की टारगेट किलिंग हुई थी. एयरपोर्ट के पास एक विस्फोट हुआ था, जिसमें चीनी नागरिकों समेत 3 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 11 घायल हुए थे. चीनी नागरिकों पर अटैक मामले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की माजिद ब्रिगेड ने ली थी. पर कोयला खदान पर हुए ताजा मामले की जिम्मेदारी अबतक किसी भी ग्रुप ने नहीं ली है.
पाकिस्तान परेशान, पीएलए की होगी तैनाती?
पाकिस्तान में 16-17 अक्टूबर को एससीओ (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन) की बड़ी बैठक होने वाली है. जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आने की संभावना है. तो वहीं पुतिन के आने पर सस्पेंस है. भारत की ओर से एस जयशंकर बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं. बड़े-बड़े देशों के नुमाइंदों के पाकिस्तान पहुंचने से पहले ऐसे हमलों ने पाकिस्तान को और परेशानी में डाल दिया है. एहतियातन पाकिस्तान ने इस्लामाबाद के सारे रास्ते सील कर दिए हैं. साथ ही ड्रोन-पतंग उड़ाने पर पाबंदियों के साथ-साथ शादियों पर भी एससीओ समिट हो जाने तक रोक लगा दी है.
ताजा हमलों के बाद चीन की सेना के पाकिस्तान में आने की संभावना बढ़ गई हैं. शुक्रवार को हुए खदान हमले में भले ही कोई चीनी नागरिक नहीं था पर पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिक दहशत में हैं. चीन भी पाकिस्तान को दो टूक कह चुका है कि अगर उनसे नहीं संभलता तो चीनी सेना स्थिति को संभालेगी. चीन पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सीपीईसी प्रोजेक्ट का आगे बढ़ा रहा है, जिसके लिए 60 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया गया है. वहीं बलूच विद्रोही लगातार हमले और विरोध प्रदर्शन करके चीन के प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. हालिया बढ़े हमलों के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही निजी सुरक्षाकर्मी होने के नाम पर चीनी सेना पाकिस्तान पहुंच सकती है.