टर्की के फिफ्थ जेनरेशन एयरक्राफ्ट कान की पहली उड़ान के महज 15 दिनों के भीतर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने स्वदेशी एमका फाइटर जेट के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. करीब 15 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट में डीआरडीओ अगले पांच सालों में स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट के पांच प्रोटोटाइप तैयार करेगी.
जानकारी के मुताबिक, गुरूवार को सीसीएस की अहम बैठक में एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के लिए सरकार ने जरूरी फंड देने की मंजूरी दे दी. इसके तहत डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की एविएशन डिजाइन एजेंसी (एडीए यानी आडा) हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ मिलकर स्वदेशी फिफ्थ जेनरेशन एयरक्राफ्ट एमका का निर्माण करेगी. हालांकि, अगले पांच सालों में यानी 2030 से पहले एमका की पहली उड़ान होने की उम्मीद है लेकिन वायुसेना में शामिल होने में उससे ज्यादा वक्त लग सकता है.
पिछले दो सालों से डीआरडीओ और एचएएल सरकार द्वारा एमका प्रोजेक्ट को हरी झंडी देने का इंतजार कर रही थी. मार्च 2022 में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने संसद को एक लिखित जवाब में बताया था कि रक्षा मंत्रालय ने एमका के डिजाइन और प्रोटो टाइप को तैयार करने के लिए सीसीएस से मंजूरी की प्रक्रिया शुरु कर दी है. पिछले साल यानी मार्च 2023 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेंगलुरु में नया फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) फैसिलिटी का उद्घाटन किया था जहां एमका के एवियोनिक्स के लिए आर एंड डी की जा रही है.
पिछले साल ही पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत ने जीई कंपनी से मेक इन इंडिया के तहत 99 एफ-414 इंजन बनाने का करार किया था. ये इंजन एचएएल द्वारा निर्माण किए जाने वाले लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के मार्क-2 वर्जन यानी मीडियम वेट फाइटर (एमडब्लूएफ) के लिए बनाए जाने हैं. इस करार के दौरान जीई कंपनी ने एमका लड़ाकू विमानों के इंजन के लिए भी सहयोग करने का दावा किया था. ऐसे में माना जा रहा है कि एमका के प्रोटो टाइप भी जीई कंपनी एफ-414 इंजन से लैस होंगे. लेकिन मुख्य एमका फाइटर जेट में जीई या फिर फ्रांस की साफरान कंपनी का कोई हैवी इंजन लगाया जाएगा.
22 फरवरी को पाकिस्तान के परम मित्र टर्की के पांचवें श्रेणी के फाइटर जेट कान ने पहली उड़ान भरी थी. टर्की इस प्रोजेक्ट के लिए पाकिस्तान और दूसरे सहयोगी देश अजरबैजान की मदद लेना चाहता है. ऐसे में माना जा सकता है कि पाकिस्तान को भी टर्की से फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट मिल सकता है (तुर्किए का KAAN भारत के लिए टेंशन).
चीन ने भी कुछ साल पहले जे-20 चेंगदू फाइटर जेट के निर्माण के साथ ही फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट बनाने का दावा किया था. हालांकि, एविएशन एक्सपर्ट ने जे-20 को स्टेल्थ फाइटर जेट मानने से इंकार कर दिया था. क्योंकि भारत के सुखोई फाइटर जेट ने अरुणाचल प्रदेश से सटी एलएसी की एयरस्पेस में एक बार चीन के फिफ्थ जेनरेशन एयरक्राफ्ट को डिटेक्ट कर लिया था. जबकि फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट किसी रडार की पकड़ में नहीं आ पाते हैं. ऐसे में चीन अब गुपचुप तरीके से दूसरे स्टेल्थ फाइटर जेट पर काम कर रहा है.
ऐसे में रुस और अमेरिका ही ऐसे दो देश हैं जिनकी वायुसेना में फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट हैं. अमेरिका के पास दो स्टेल्थ फाइटर जेट हैं एफ-22 रैपटर और एफ-35 लाइटनिंग. जबकि रूस के पास भी सु-57 और सु-75 चेकमेट स्टेल्थ फाइटर जेट हैं. रुस ने हाल ही में भारत को चेकमेट ऑफर किया था. लेकिन ये बात तय है कि भारत अब अपने स्वदेशी एमका फाइटर जेट पर दाव लगा रहा है. (https://youtu.be/FX9EiHYDWCI?si=pe0-bp0fxtLtsqTh)
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