भारत की एंटी-सबमरीन ताकत में ‘स्मार्ट’ तरीके से बड़ा इजाफा होने जा रहा है. क्योंकि बुधवार को डीआरडीओ ने मिसाइल की मदद से लॉन्च की जाने वाले टॉरपीडो सिस्टम का जमीन से सफल परीक्षण किया.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने बुधवार की सुबह करीब 8.30 बजे सुपरसोनिक मिसाइल अस्सिटेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (एसएमआरटी यानी ‘स्मार्ट’) का सफल परीक्षण किया. ये टेस्ट ओडिशा के अब्दुल कलाम आईलैंड से किया गया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, स्मार्ट प्रणाली से एंटी सबमरीन वारफेयर क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी क्योंकि ये पारंपरिक हल्की टॉरपीडो से कहीं ज्यादा रेंज की है. ये एक नेक्सट जेनरेशन टॉरपीडो है जिसे मिसाइल की मदद से जमीन से भी मार किया जा सकता है. बुधवार का टेस्ट भी जमीन से एक मोबाइल लॉन्चर से किया गया (Video: https://youtube.com/shorts/3EWgh9-u624?si=geNZkbw7ddJU0nqS).
स्मार्ट टॉरपीडो को मिसाइल के जरिए जमीन से लॉन्च किया जाता है और फिर आसमान से पैराशूट के जरिए समंदर में टारगेट के पास छोड़ दिया जाता है. समंदर में ये एक पारंपरिक टॉरपीडो की तरह दुश्मन की पनडुब्बी को तबाह कर देती है. इस तरह की टॉरपीडो तकनीक रुस जैसे चुनिंदा देशों के पास ही है. वर्ष 2021 में डीआरडीओ ने पहली बार स्मार्ट टॉरपीडो का परीक्षण किया था.
डीआरडीओ के मुताबिक, ये कैनिस्टर बेस्ड मिसाइल सिस्टम है जिसमें कई तरह के एडवांस सब-सिस्टम लगे हैं. इनमें टू-स्टेज सॉलिड प्रोपल्सन सिस्टम, इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्यूटेटर सिस्टम और नेविगेशन शामिल हैं. ये सिस्टम हल्की टॉरपीडो के साथ पैराशूट को भी पेलोड की तरह ले जाने में सक्षम है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और डीआरडीओ के चेयरमैन डॉक्टर समीर वी कामथ ने स्मार्ट प्रणाली से जुड़े वैज्ञानिक और इंडस्ट्री पार्टनर को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं. क्योंकि इससे भारतीय नौसेना की ताकत को काफी बल मिलेगा.
गौरतलब है कि हिंद महासागर में चीन की पनडुब्बियां आए दिन डिटेक्ट की जाती है. इसके अलावा चीन अब पाकिस्तान के लिए भी आठ हंगोर क्लास पनडुब्बियां बना रहा है. इनमें से पहले पनडुब्बी को पिछले हफ्ते ही समंदर में लॉन्च किया गया (फटेहाल पाकिस्तान को भी चाहिए चीनी पनडुब्बी).
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