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G-7 को टक्कर देने आ गया BRICS, पश्चिमी देशों को छूटे पसीने

जी-7 के प्रतिद्वंदी के तौर पर ब्रिक्स देशों का समूह उभर रहा है. इस बात का इशारा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया है. जयशंकर ने पश्चिमी देशों को एक बार फिर खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि क्योंकि जी-7 समूह में किसी दूसरे देश को शामिल नहीं करने दिया जाता है, ऐसे में भारत, चीन, रूस और ब्राजील जैसे विकासशील देशों ने ब्रिक्स समूह का गठन किया है.

यूरोप के दौरे पर विदेश मंत्री जयशंकर ने जिनेवा स्थित सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी (थिंक टैंक) में एक सवाल के जवाब में कहा कि “मैं हैरान हूं कि ग्लोबल (नॉर्थ) ब्रिक्स को लेकर असुरक्षित महसूस करता है.”

दरअसल, जयशंकर से सवाल किया गया था कि जब जी-20 जैसा वैश्विक मंच है तो फिर ब्रिक्स की क्या जरूरत है. ऐसे में विदेश मंत्री ने कहा कि जब जी-7 हो सकता है तो फिर ब्रिक्स क्यों नहीं. जयशंकर ने कहा कि विकसित देशों ने जी-7 समूह में अन्य देशों को शामिल नहीं किया. ऐसे में ब्रिक्स को खड़ा करना पड़ा.

वर्ष 2006 में स्थापित ब्रिक्स समूह में भारत, रूस, चीन और ब्राजील संस्थापक सदस्य हैं, जबकि दक्षिण अफ्रीका वर्ष 2010 में हिस्सा बना था. समूह को विकसित देशों के जी-7 का ‘प्रतिद्वंदी’ माना जाता है.

दरअसल, वर्ष 2014 में रूस द्वारा यूक्रेन के क्रीमिया इलाके पर कब्जे के बाद से जी-7 ने रूस को समूह से बेदखल कर दिया था. अन्यथा, ये पहले जी-8 के नाम से जाना जाता था.

हाल ही में ईरान, इथोपिया, मिस्र और यूएई भी ब्रिक्स का हिस्सा बन गए हैं. हाल ही तुर्की (तुर्किए) ने भी ब्रिक्स का हिस्सा बनने के लिए आवेदन किया है. तुर्की  पहला नाटो देश है जो ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है. इसके अलावा मलेशिया और सऊदी अरब सहित करीब दो दर्जन इस समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं. (ऐसा NATO देश जिसे चाहिए BRICS की सदस्यता, EU से मिली दुत्कार)

अगले महीने (22-24 अक्टूबर) को रुस के कजान में ब्रिक्स देशों का बड़ा सम्मेलन होने जा रहा है. सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा लेने जा रहे हैं.

ब्रिक्स का आखिरी सम्मेलन वर्ष 2023 में साउथ अफ्रीका में हुआ था. लेकिन इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हिस्सा नहीं लिया था. क्योंकि पुतिन के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) का अरेस्ट वारंट था. आईसीसी का सदस्य देश होने के चलते साउथ अफ्रीका अंतरराष्ट्रीय नियमों से बंधा है.

गुरुवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवल ने सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स सिक्योरिटी समिट से इतर पुतिन से मुलाकात की थी. पुतिन ने डोवल के जरिए पीएम मोदी को कजान में होने जा रहे सम्मेलन में आने का निमंत्रण दिया और साथ ही द्विपक्षीय वार्ता आयोजन करने का भी संदेश दिया. (NSA सेंट पीट्सबर्ग में, शोइगु से हुई युद्ध रोकने पर चर्चा)