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ब्रिक्स नहीं है जियोपॉलिटिकल विरोधी: White House

ब्रिक्स को अमेरिका अपना ‘विरोधी’ नहीं मानता है. ऐसे में रूस में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने के बावजूद अमेरिका आपसी हितों के मुद्दों पर सहयोग जारी रखेगा. खुद व्हाइट हाउस ने इस बात के संकेत दिए हैं.

व्हाइट हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति) की प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ब्रिक्स कोई ‘जियोपॉलिटिकल-प्रतिद्वंदी’ नहीं है. ऐसे में अमेरिका, फिर चाहे भारत हो या ब्राजील या फिर चीन, सभी से अपने ‘साझा हित’ पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा.

रूस के कज़ान में चल रही ब्रिक्स समिट (22-24 अक्टूबर) में भारत, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, यूएई, मिस्र, इथोपिया और अजरबैजान सहित कुल 36 देश शिरकत कर रहे हैं. इनमें से 22 देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं. जो राष्ट्राध्यक्ष इसमें शिरकत कर रहे हैं उसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर, पीएम मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ईरान के राष्ट्रपति शामिल हैं. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी कज़ान में हो रहे सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं.

हालांकि सामरिक जानकार ब्रिक्स को जी-7 का प्रतिस्पर्धी मान रहे हैं लेकिन हाल ही में रूस के राष्ट्रपति ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान का समर्थन किया था. जयशंकर ने कहा था कि ब्रिक्स भले ही ‘गैर-पश्चिमी’ देशों का समूह जरूर है लेकिन पश्चिमी देशों का ‘विरोधी’ नहीं है.

वर्ष 2006 में स्थापित ब्रिक्स समूह में भारत, रूस, चीन और ब्राजील संस्थापक सदस्य हैं, जबकि दक्षिण अफ्रीका वर्ष 2010 में हिस्सा बना था.

मंगलवार को पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने भी ब्रिक्स की दुनिया में अपनी ‘अलग पहचान बनाने’ की तारीफ की.

इस साल से ईरान, इथोपिया, मिस्र और यूएई भी ब्रिक्स का हिस्सा बन गए हैं. तुर्की (तुर्किए) ने भी ब्रिक्स का हिस्सा बनने के लिए आवेदन किया है. तुर्की पहला नाटो देश है जो ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है. इसके अलावा मलेशिया और सऊदी अरब सहित करीब दो दर्जन इस समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं.

हालांकि, जयशंकर ने ये जरूर कहा था कि जी-7 समूह ने विकसित देशों के अलावा किसी विकासशील देश को अपने समूह में जगह नहीं दी थी, ऐसे में ब्रिक्स बनाने की जरूरत पड़ी थी.

आज ब्रिक्स समूह के सदस्य देश कुल धरती का 30 प्रतिशत हैं. जनसंख्या के हिसाब से कुल दुनिया की आबादी का 45 प्रतिशत है (3-6 बिलियन). आज ब्रिक्स देशों की जीडीपी, जी-7 देशों से अधिक है. आज ब्रिक्स में शामिल होने के लिए करीब तीन दर्जन देश इच्छुक हैं.

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