बॉर्डर पर बीएसएफ की कड़ी सुरक्षा के चलते घुसपैठ करने में नाकाम बांग्लादेशी नागरिक अब फर्जी आधार-कार्ड बनाकर भारत में दाखिल हो रहे हैं. बांग्लादेश में एक हजार टका में भारत के फर्जी आधार-कार्ड बनाने का धंधा जोरो पर है. एक ऐसे ही रैकेट के भंडाफोड़ करने का दावा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने किया है.
बीएसएफ के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में चार बांग्लादेशी नागरिकों को धर-दबोचा गया है जो फर्जी आधार-कार्ड के जरिए भारत में घुसपैठ की फिराक में थे. उनके साथ एक दलाल को भी पकड़ा गया है जो बांग्लादेशियों को भारत की सीमा में दाखिल करने के लिए पैसे ऐंठता था.
बीएसएफ ने इन चारों बांग्लादेशियों और दलाल (कुल पांच आरोपियों) को उस वक्त गिरफ्तार किया, जब मुर्शिदाबाद की बामनादबाद बॉर्डर आउटपोस्ट के अधिकार-क्षेत्र से ये सभी भारत की सीमा में दाखिल हो रहे थे. सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने इन घुसपैठियों को पकड़ने की कोशिश की तो, ये बॉर्डर पर लगी ऊंची-ऊंची घास में छिप गए.
बीएसएफ के साउथ फ्रंटियर के मुताबिक, इन घुसपैठियों को पकड़ने के लिए बॉर्डर इलाके में क्विक रिक्शन टीम (क्यूआरटी) ने एक सघन तलाशी अभियान छेड़ा. तलाशी अभियान के दौरान चारों बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा गया. बाद में इन चारों की निशानदेही पर दलाल को भी पकड़ लिया गया.
भारतीय दलाल ने पकड़े जाने पर कबूल किया कि मंगलवार (15 अक्टूबर) को वो अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहुंचा था. उसे एक बांग्लादेशी को सीमा पार कराने पर चार हजार रूपये मिलते थे.
पकड़े गए बांग्लादेशी घुसपैठियों ने पूछताछ में बताया कि बांग्लादेश के राजशाही जिले के गोदागरी में एक दलाल ने उन्हें भारत के फर्जी आधार कार्ड मुहैया कराए थे. सभी ने फर्जी दस्तावेज के लिए एक-एक हजार टका (बांग्लादेश करेंसी) दी थी.
साउथ बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता, डीआईजी एन के पांडेय के मुताबिक, पकड़े गए बांग्लादेशियों ने ये भी खुलासा किया है कि फर्जी आधार-कार्ड के आधार पर वे सभी चेन्नई (तमिलनाडु) जाने की तैयारी कर रहे थे. चेन्नई जाकर वे सभी मजदूरी करने की तैयारी कर रहे थे.
अगस्त के महीने में बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से हालात बेहद संवेदनशील बने हुए हैं. ऐसे में बीएसएफ ने सीमा पर जबरदस्त चौकसी की हुई है ताकि घुसपैठ पर लगाम कसी जा सके.