July 3, 2024
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चीन ने लॉकहीड मार्टिन को किया बैन, ताइवान को हथियार देने से नाराज

ताइवान को सैन्य उपकरण सप्लाई करने के विरोध में चीन ने अमेरिकी का बड़ी एविएशन कंपनी ‘लॉकहीड मार्टिन’ पर बैन लगा दिया है. यहां तक की कंपनी के सीनियर एग्ज्यूकेटिव के चीन में दाखिल होने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. हाल ही में अमेरिका ने भी चीन की कई कंपनियों पर रूस को सैन्य उपकरण और तकनीक देने के आरोप में प्रतिबंध लगा दिया था. 

अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी एफ-16 फाइटर जेट से लेकर ब्लैक-हॉक हेलीकॉप्टर और सी-130 जे सुपर-हरक्युलिस विमान से लेकर एफ-35 स्टेल्थ एयरक्राफ्ट का निर्माण करती है. करीब 100 साल से एविशन की दुनिया में धाक जमाने वाली लॉकहीड कंपनी मिसाइल से लेकर एआई, साइबर और इलेक्ट्रोनिक वारफेयर में भी महारत हासिल रखती है. 

हाल ही में यूएस के रक्षा विभाग (पेंटागन) ने ताइवान को 300 मिलियन डॉलर के हथियार देने की मंजूरी दी थी. इन हथियारों में गाइडेड बम और एफ-16 फाइटर जेट के अपग्रेड के लिए उपकरण और बैटलफील्ड कम्युनिकेशन सिस्टम शामिल हैं. इसी के चलते चीन ने ‘लॉकहीड मार्टिन’ और ‘नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन’ कंपनी के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है. हालांकि, जानकार मानते हैं कि इस प्रतिबंध का लॉकहीड पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है. इसका कारण ये है कि कंपनी, चीन के साथ कम ही वास्ता रखती है. थ्येनमान चौक घटना के बाद से ही अमेरिका ने चीन के साथ मिलिट्री-सेल्स बंद कर रखा है. 

भारत भी लॉकहीड मार्टिन के बने सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट और एमएच-24 रोमियो हेलीकॉप्टर इस्तेमाल करता है. 

लॉकहीड मार्टिन को बैन करने से पहले चीन ने अमेरिका को इस क्षेत्र (ताइवान स्ट्रेट) के सैन्यकरण रोकने की चेतावनी भी जारी की थी. चीन के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका के संबंधों में ताइवान को ‘पहली रेड-लाइन’ करार देते हुए ‘पार नहीं करने’ की धमकी दी थी

चीन के मुताबिक, ताइवान की आजादी को समर्थन देने से क्षेत्र में तनाव फैलेगा और ताइवान एक खतरनाक स्थिति में पहुंच सकता है.” चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इससे “अमेरिका भी अपना नुकसान कर सकता है.” 

स्व-शासित आईलैंड ताइवान को चीन अपना मानता है. लेकिन लोकतांत्रिक आईलैंड होने के चलते ताइवान ने हमेशा से चीन की आक्रामक और साम्राज्यवादी नीतियों का विरोध किया है. पिछले महीने ताइवान में चुनी गई नए सरकार से चीन बौखलाया हुआ है. क्योंकि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने अपने उद्घाटन भाषण में ताइवान की आजादी और अमेरिका जैसे देशों के साथ मिलकर स्वदेशी हथियारों के निर्माण का ऐलान किया था. 

चिंग-ते के भाषण के विरोध में चीन ने 14-15 मई को ताइवान को घेरकर दबाने की एक बड़ी मिलिट्री एक्सरसाइज ‘ज्वाइंट स्वार्ड’ का आयोजन किया था. ऐसे में इसी महीने के शुरुआत में (1-2 जून) अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने सिंगापुर में चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून से ताइवान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर चिंता जताई थी. 

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