पाकिस्तान में होने वाले एससीओ समिट से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है. एस जयशंकर ने कहा है कि “पाकिस्तान के साथ बातचीत का युग खत्म हो गया है. पाकिस्तान के हर सकारात्मक और नकारात्मक कदम पर उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा.”
पाकिस्तान के अलावा विदेश मंत्री ने मालदीव, बांग्लादेश के संबंधो पर भी खुलकर बात की है. पाकिस्तान पर एस जयशंकर का ये बयान इस लिहाज से बड़ा है, क्योंकि पाकिस्तान में अगले महीने (15-15 अक्टूबर) को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की बैठक होनी है. जिसके लिए शहबाज सरकार ने पीएम मोदी को आमंत्रित किया है.
पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर हम क्यों करें विचार?: एस जयशंकर
दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह में पहुंचे एस जयशंकर ने पाकिस्तान, मालदीव समेत पड़ोसी देशों पर बेबाकी से बयान दिया. विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि “पाकिस्तान से अब वार्ता करने का समय समाप्त हो चुका है.” एस जयशंकर ने कहा, “हर चीज का समय होता है, हर काम कभी ना कभी अपने अंजाम तक पहुंचता है. जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो अब वहां धारा 370 खत्म हो गई है. यानी मुद्दा ही खत्म हो चुका है. अब हमें पाकिस्तान के साथ किसी रिश्ते पर क्यों विचार करना चाहिए ?”
जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, “मैं जो कहना चाहता हूं, वह साफ है. हम निष्क्रिय नहीं हैं. पाकिस्तान के साथ चाहे घटनाएं सकारात्मक दिशा लें या नकारात्मक, हम हर हाल में जवाब देने के लिए तैयार हैं. सही रुख उनको दिखाना होगा.”
पड़ोसी हमेशा एक जैसे नहीं रह सकते: एस जयशंकर
एस जयशंकर ने बड़ी बात करते हुए कहा कि “पड़ोसी हमेशा समस्या बने रहते हैं. दुनिया के किसी भी देश की तरफ देखें तो पड़ोसी समस्या बने हुए हैं क्योंकि पड़ोसियों के साथ संबंधों को बनाए रखना सबसे मुश्किल काम होता है. इन्हें कभी सुलझाया नहीं जा सकता. पड़ोसियों से समस्या लगातार बनी रहती है. लोग कई बार कहते हैं कि बांग्लादेश में ये हो रहा है मालदीव में वो हो रहा है. मैं कहता हूं कि उन्हें पूरी दुनिया में देखने की जरूरत है कि ऐसे कौन से देश हैं, जिनकी अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ चुनौतियां नहीं हैं. मुझे लगता है कि पड़ोसियों का ये नेचर होता है कि उनके साथ रिश्ते हमेशा एक जैसे नहीं रहते.”
हमें मानना होगा कि बांग्लादेश में हो चुका है सत्ता परिवर्तन: एस जयशंकर
बांग्लादेश को लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि “हम वहां की तत्कालीन सरकार से निपटने में सक्षम हैं. हमें यह स्वीकार करना होगा कि वहां सत्ता का परिवर्तन हो चुका है. संभव है कि वो विघटनकारी हों लेकिन हमें यहां भी परस्पर बने रहने की जरूरत है. हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं.”
मालदीव के साथ रिश्तों में है उतार चढ़ाव, अफगान पर क्या बोले विदेश मंत्री?
मालदीव और बांग्लादेश के बारे में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि “माले के प्रति हमारे दृष्टिकोण में उतार-चढ़ाव रहे हैं. यहां एक निश्चित स्थिरता की कमी है. यह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें हम बहुत गहराई से निवेशित हैं. मालदीव में यह मान्यता है कि यह संबंध एक स्थिर शक्ति है.”
वहीं अफगानिस्तान के रिश्तों के सवाल पर एस विदेश मंत्री ने कहा कि “आज अपनी अफगान नीति की समीक्षा करने के बाद हम अपने हितों के बारे में बहुत स्पष्ट हैं. हम अपने सामने मौजूद विरासत में मिली बुद्धिमत्ता से भ्रमित नहीं हैं. हमें यह समझना चाहिए कि अमेरिका की उपस्थिति वाला अफगानिस्तान, अमेरिका की उपस्थिति के बिना वाले अफगानिस्तान से बहुत अलग है.”