इजरायल और हमास के बीच शांति वार्ता को एक बार फिर डिरेल करने की कोशिश की गई. लेकिन शिकारी खुद अपने जाल में फंस गया. हमास के एक आतंकी ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव को बम से दहलाने की साजिश रची थी. लेकिन अचानक बम फट गया और आत्मघाती हमलावर की हमले से पहले ही मौत हो गई. ये घटना तब सामने आी जब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजरायल के दौरे पर हैं और बेंजामिन नेतन्याहू को हमास के साथ सुलह की पेशकश कर रहे हैं.
हमास और इस्लामिक संगठनों ने तेल अवीव में हुए धमाके की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि जब तक इजरायल हत्या करता रहेगा, ऐसे अटैक जारी रहेंगे. इस्लामिक संगठनों ने तेल अवीव में हुए धमाके को हमास चीफ की हत्या से जोड़ा है. हालांकि अबतक इजरायल ने ना तो हमास चीफ इस्माइल हानिया (हनियेह) की मौत के जिम्मेदारी का दावा किया है और ना ही इनकार किया है.
तेल अवीव दहलाने की साजिश नाकाम
तेल अवीव को दहलाने की साजिश उस वक्त नाकाम हो गई जब एक फिदायीन की पीठ पर टंगा विस्फोटकों से भरा बैग अचानक फट गया. धमाके से अफरातफरी मच गई. फौरन इजरायली पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया. धमाके में उस शख्स की मौत हो गई जो विस्फोटकों से भरा बैग एक घनी आबादी वाले इलाके में लेकर जा रहा था. धमाके में एक राहगीर के भी घायल होने की खबर है. इजरायली सरकार के प्रवक्ता डेविड मेन्सर के मुताबिक, विस्फोटकों से भरा बैग उस जगह लेकर जाया जा रहा था जहां भीड़ भाड़ थी और धमाके से ज्यादा नुकसान हो सकता था. लेकिन विस्फोटक घनी आबादी वाली जगह ले जाने से पहले ही फट गया.
हमास ने ली हमले की जिम्मेदारी
तेल अवीव में हुए विस्फोट की जिम्मेदारी हमास ने ली है. हमास और इस्लामिक जिहाद की सशस्त्र शाखाओं ने संयुक्त बयान जारी करके कहा, जब तक इजरायल नरसंहार और हत्या करता रहेगा, इजरायल के अंदर फिदायीन अटैक जारी रहेंगे. हमास का इशारा हमास चीफ हानिया के मारे जाने की ओर था, जिसे 31 जुलाई को ईरान की राजधानी तेहरान में बेहद ही सुरक्षित गेस्ट हाउस में मौत के घाट उतारा गया था.
इजरायल में एंटनी ब्लिंकन, वार्ता को बताया ‘आखिरी मौका’
अमेरिकी विदेश मंत्री रविवार को इजरायल के दौरे पर 9वीं बार पहुंचे है. इस दौरान एंटनी ब्लिंकन ने शांति वार्ता को आखिरी चांस बताया है. एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि इस बार की शांति वार्ता को बंधकों की रिहाई के लिए आखिरी मौका है. अमेरिका के इस बयान से बेंजामिन नेतन्याहू पर युद्धविराम के लिए दबाव बढ़ गया है.
एंटनी ब्लिंकन और नेतन्याहू की बातचीत के दौरान ही इजरायली सेना ने गाजा में एक बड़ा अटैक किया, जिसमें 29 लोग मारे गए हैं. यानी इजरायली रुख साफ है, और यही रुख अमेरिका को भी टेंशन दे रहा है. क्योंकि अब हर कोई ये चाहता है कि मिडिल ईस्ट में शांति हो.
इजरायल और हमास के बीच मिस्र और कतर की मध्यस्थता करा रहे हैं. अमेरिका, युद्धविराम की बातचीत में अहम कड़ी है. माना जा रहा है कि इस सप्ताह इजरायल और हमास में समझौता हो सकता है. पर हमास ने नेतन्याहू पर सीजफायर की नई शर्त लगाने का आरोप लगाया है. क्योंकि नेतन्याहू गाजा में पूरी तरह से इजरायली सेना को निकालने पर सहमत नहीं हैं.
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