भगवान कृष्ण और राधा की नगरी वृंदावन में देश का पहला गर्ल्स सैनिक स्कूल खोला गया है. सोमवार को नव वर्ष के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में संविद् गुरुकुलम बालिका सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया. ये विद्यालय सेना में शामिल होने और मातृभूमि की रक्षा करने का दृढ-संकल्प करने वाली लड़कियों के लिए एक उत्कृष्ट संस्थान साबित होगा.
इस मौके पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने संविद् गुरुकुलम गर्ल्स सैनिक स्कूल को उन लड़कियों के लिए “प्रकाश की किरण” बताया जो सशस्त्र बलों में शामिल होने और मातृभूमि की सेवा करने की इच्छा रखती हैं. उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने सशस्त्र बलों में महिलाओं को उनका उचित स्थान दिलाया है, जो वर्षों से उपेक्षित था. उन्हें अपने पुरुष समकक्षों की तरह ही राष्ट्र की रक्षा करने का अधिकार है.”
राजनाथ सिंह के मुताबिक, यह महिला सशक्तिकरण के इतिहास में एक सुनहरा क्षण था जब हमने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश को मंजूरी दी. आज हमारी महिलाएं न केवल लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, बल्कि सीमाओं की भी सुरक्षा कर रही हैं.
गौरतलब है कि आज सेना (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) में महिलाएं बढ़चढ़कर शामिल हो रही हैं. वायुसेना में महिलाएं फाइटर पायलट बन रही हैं तो युद्धपोत में भी तैनात हो रही हैं. थलसेना में इंफेन्ट्री और आर्मर्ड (टैंक रेजीमेंट) को छोड़कर महिलाएं सभी कॉम्बेट कोर में शामिल हो सकती हैं. गर्ल्स कैडेट ऑफिसर का पहला दस्ता नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में अपनी ट्रेनिंग ले रहा है. सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं को अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर परमानेंट कमीशन भी दे दिया गया है. ऐसे में महिलाएं अब सेना में कमांडिंग ऑफिसर (कर्नल रैंक) तक पहुंच गई हैं और देश की सेवा-सुरक्षा में अहम योगदान दे रही हैं.
राजनाथ सिंह के नेतृत्व में रक्षा मंत्रालय ने 2019 में शैक्षणिक सत्र 2021-22 से सैनिक स्कूलों में बालिकाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी. मिजोरम के छिंगछिप सैनिक स्कूल में रक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई पायलट परियोजना की सफलता के बाद यह निर्णय लिया गया था. वर्ष 2020 में सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत पब्लिक-प्राईवेट/एनजीओ मॉडल पर 100 नए सैनिक स्कूलों को खोलने की घोषणा की थी. इसी कड़ी में वृंदावन-मथुरा में संविद् गुरूकुलम बालिका सैनिक स्कूल खोला गया है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह स्कूल नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने सहित बेहतर आजीविका के अवसर प्रदान करना है. यह निजी क्षेत्र को सरकार के साथ मिलकर, आज के युवाओं को कल के जिम्मेदार नागरिक बनाने और राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करने का अवसर भी देता है.
इस संविद गुरुकुलम विद्यालय को खोलने में राम मंदिर आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाली साध्वी ऋतंभरा का मुख्य योगदान है. साध्वी ऋतंभरा द्वारा स्थापित वात्सल्य ग्राम परिसर में समविद गुरुकुलम बालिका सैन्य विद्यालय खोला गया है जहां सीबीएसई पाठ्यक्रम के साथ सैन्य प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इस सैन्य विद्यालय में 120 सीटें हैं. आगामी 21 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी, जिसमें सफल अभ्यर्थियों की ई-काउंसलिंग होगी और मेरिट लिस्ट बनेगी. सत्र अप्रैल से शुरू होगा.
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